कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ‘खतरनाक कुत्तों’ पर पाबंदी लगाने वाले केंद्र के निर्देश को पलटा

केंद्र ने यह निर्णय कुत्तों के घातक हमलों की कई घटनाओं के कारण लिया. इन हमलों के आधार पर ही पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर जैसी नस्लों को ‘खतरनाक’ के रूप में वर्गीकृत किया गया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
बेंगलुरु:

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कुत्तों की कुछ नस्लों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र सरकार के निर्देश को बुधवार को पलट दिया. पशुपालन मंत्रालय के अंतर्गत एक विशेषज्ञ समिति ने कुत्तों की कुछ नस्लों को खतरनाक करार दिया है.
अदालत ने इस तरह की पाबंदी लागू करने से पहले पशु पालकों और प्रासंगिक संगठनों से संपर्क करने के महत्व को उजागर किया और पालतू जानवर द्वारा नुकसान पहुंचाने पर उनके मालिकों की जिम्मेदारी और उनके द्वारा खर्च वहन किये जाने पर जोर दिया.

पशुपालन मंत्रालय के 13 मार्च के निर्देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संभावित रूप से खतरनाक नस्ल के रूप में चिह्नित कुत्तों की पिटबुल टेरियर, टोसा इनु जैसी अन्य नस्लों से जुड़ी गतिविधियों के लिए लाइसेंस या अनुमति नहीं देने को कहा था.

केंद्र ने यह निर्णय कुत्तों के घातक हमलों की कई घटनाओं के कारण लिया. इन हमलों के आधार पर ही पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर जैसी नस्लों को ‘खतरनाक' के रूप में वर्गीकृत किया गया. नस्लों की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रतिबंधित किया गया है जिनमें आमतौर पर बैन डॉग या बैंडोग, रॉटवीलर और टेरियर्स के रूप में संदर्भित नस्लें शामिल हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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