कर्नाटक में 4 फीसदी मुस्लिम रिजर्वेशन के मामले को लेकर कर्नाटक सरकार और राज्यपाल के बीच गतिरोध बढ़ गया है. मुस्लिम कॉन्ट्रैक्टर्स को 4 फीसदी आरक्षण देने वाले विवादास्पद बिल को राज्यपाल ने राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए सुरक्षित रख लिया है. राज्यपाल ने विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु आरक्षित घोषित करते हुए इसे कर्नाटक के विधि और संसदीय कार्य विभाग को भेज दिया है यानी अब राज्यपाल इस बिल को राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजेंगे.
कर्नाटक विधानमंडल के दोनों सदनों ने मार्च में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध के बीच इस विधेयक को पारित कर दिया था. भाजपा का आरोप है कि यह विधेयक अवैध है, क्योंकि भारतीय संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है. पार्टी का यह भी आरोप है कि इस विधेयक से सत्तारूढ़ कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति की बू आती है. भाजपा कर्नाटक में जारी अपनी ‘जन आक्रोश यात्रा' के दौरान इस विधेयक के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही है.