कर्नाटक सरकार ने पाठ्यपुस्तक में सावरकर के अध्याय को किया शामिल, बढ़ सकता है विवाद

कन्नड़ भाषा की आठवीं कक्षा के पाठ्यपुस्तक के एक अध्याय में संशोधन के बाद लिखा गया है कि सावरकर जब अंडमान की जेल में कैद थे तब पक्षी के पंख पर बैठकर अपने देश को देखने आते थे. 

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
सावरकर को लेकर कर्नाटक की पुस्तक में जोड़ा गया अध्याय
नई दिल्ली:

कर्नाटक में राज्य सरकार द्वारा हाईस्कूल के पाठ्यपुस्तक में वीर सावरकर के अध्याय को शामिल करने को लेकर विवाद पैदा हो सकता है. मिल रही जानकारी के अनुसार रिवीजन कमेटी ने संशोधित पाठ्यपुस्तक में सावरकर के अध्याय को शामिल किया है, जबकि पहले के पुस्तक में यह अध्याय नहीं था. कन्नड़ भाषा की आठवीं कक्षा के पाठ्यपुस्तक के एक अध्याय में संशोधन के बाद लिखा गया है कि सावरकर जब अंडमान की जेल में कैद थे तब पक्षी के पंख पर बैठकर अपने देश को देखने आते थे. 

इस अध्याय के एक पाराग्राफ में आगे लिखा गया है कि जिस कमरे में सावरकर को रखा गया था उसमें एक भी छेद नहीं था. पर एक बुलबुल उनके इस कमरे में आती थी और सावरकर उसके पंखों पर बैठकर जेल से बाहर निकलते थे ताकि वह अपनी मातृभूमि को हर दिन देख सकें. 

Featured Video Of The Day
Bihar Election 2025: वोटर लिस्ट का सवाल...बिहार में सियासी बवाल | Bihar Politics | News@8
Topics mentioned in this article