रासायनिक परीक्षण रिपोर्ट में “मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त” पाए जाने के बाद राज्य आबकारी विभाग ने दो प्रमुख ब्रांड की 25 करोड़ रुपये मूल्य की बीयर जब्त कर ली. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. मैसुरू ग्रामीण के आबकारी उपायुक्त ए. रविशंकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मामला दर्ज करने के अलावा, विभाग ने स्टॉक को नष्ट करने के लिए कदम उठाए हैं.
उनके अनुसार, नंजनगुड के उत्पाद शुल्क अधीक्षक ने 28 जुलाई को उनके कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि 17 जुलाई 2023 को यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड की नंजनगुड इकाई में निर्मित किंगफिशर स्ट्रॉन्ग बीयर और किंगफिशर अल्ट्रा लेगर बीयर बैच संख्या 7सी और 7ई में तलछट है और इसलिए उन्हें रासायनिक परीक्षण के लिए भेजा गया है. अधिकारी ने बताया कि आबकारी अधीक्षक ने अनुरोध किया कि जब तक प्रयोगशाला परीक्षण रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक स्टॉक जब्त कर लिया जाये.
रविशंकर ने कहा कि उन्होंने जिलों के उपायुक्तों और आबकारी उपायुक्तों को दो बैच नंबरों वाले स्टॉक को रोकने के लिए लिखा है. इस बीच, नमूनों को रासायनिक जांच के लिए प्रयोगशाला में भी भेजा गया. आबकारी उपायुक्त ने कहा, “हमें दो अगस्त को रासायनिक परीक्षक से एक रिपोर्ट मिली जिसमें कहा गया था कि दोनों ब्रांड (बैच नंबर 7सी और 7ई के साथ) मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त थे. रिपोर्ट के बाद, हमने जिला उपायुक्तों और आबकारी उपायुक्तों को आगे कदम उठाने के लिए लिखा, जिसका मतलब है कि उन स्टॉक को नष्ट कर दिया जाना चाहिए.”
विभाग के सूत्रों ने बताया कि बीयर की कीमत 25 करोड़ रुपये थी. इस बीच यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड ने कहा कि यह केवल किंगफिशर अल्ट्रा के एक बैच का मामला है और न कि किंगफिशर स्ट्रांग को लेकर. उसने कहा कि कंपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए अधिकारियों के साथ काम कर रही है.
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