प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कर्नाटक में पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) भर्ती घोटाले में चल रही जांच के तहत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बेंगलुरु और पटियाला में 11 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. जिन परिसरों की तालाशी ली गई, उसमें अन्य सरकारी अधिकारियों समेत कर्नाटक के पूर्व एडीजीपी अमृत पॉल का घर भी शामिल है, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
अमृत पॉल उक्त मामले में गिरफ्तार किए गए कर्नाटक के दूसरे सबसे बड़े अधिकारी है. ईडी ने अपने बयान में कहा, " छापे में विभिन्न आपत्तिजनक रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जब्ती हुई."
गौरतलब है कि कथित घोटाला कर्नाटक पुलिस भर्ती प्रकोष्ठ द्वारा पिछले साल राज्य पुलिस विभाग में उप निरीक्षकों के 545 रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित परीक्षा से संबंधित है.
ईडी ने कहा, ‘‘परिणाम आने के बाद उक्त परीक्षा में धोखाधड़ी, कदाचार के आरोप लगे, जिसके कारण कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए.'' इसके बाद बेंगलुरु पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने जांच शुरू की. इसी को आधार बनाकर ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की थी.
पुलिस द्वारा उम्मीदवारों, मध्यस्थों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बेंगलुरु और कलबुर्गी में विभिन्न प्राथमिकियां दर्ज की गईं. पुलिस ने बाद में विभिन्न परिसरों में तलाशी ली और आईपीएस अधिकारी पॉल और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें इस मामले में चयनित होने के लिए कथित तौर पर पैसे देने वाले उम्मीदवार भी शामिल थे.
जब कथित अनियमितताएं हुईं, तब पॉल पुलिस भर्ती प्रकोष्ठ के अतिरिक्त महानिदेशक (भर्ती) के प्रमुख थे। जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘सीआईडी जांच के दौरान यह पाया गया कि सीआईडी मुख्यालय, कार्लटन हाउस, बेंगलुरु में भर्ती प्रकोष्ठ के स्ट्रांग रूम में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी.'' पुलिस उप निरीक्षक भर्ती अभियान 545 पदों को भरने के लिए अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ और 54,041 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी.
यह भी पढ़ें -
-- "पूरी तरह अस्वीकार्य" : राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के SC के आदेश पर कांग्रेस
-- केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जजों की नियुक्ति न करने पर जताई नाराजगी