कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने मंगलवार को आने वाले दिनों में इस तरह की कवायद की संभावना के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि कुछ मंत्रियों को उनके कार्यकाल के बारे में ‘संदेश' दिया गया है.
शिवकुमार कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल का संकेत देते हुए पंचायत अध्यक्षों के कार्यकाल को दो साल के लिए तय किए जाने का उल्लेख किया. इससे यह संदेश दिया गया कि इस अवधि के बाद उन्हें पद छोड़ना होगा, और इसी तरह का संदेश कुछ मंत्रियों को दिया गया.
हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. लेकिन, उनकी टिप्पणियों को आने वाले दिनों में संभावित फेरबदल के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
शिवकुमार ने कहा, ‘‘...भारत के राष्ट्रपति के समक्ष (2004 में सरकार बनाने का दावा पेश करते समय) उन्होंने (सोनिया गांधी ने) कहा था - मुझे प्रधानमंत्री का पद नहीं चाहिए और एक अर्थशास्त्री, एक सिख, मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनने दीजिए, हमारा ऐसा इतिहास है...हम पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल एक वर्ष, छह महीने या ढाई वर्ष के लिए तय करते हैं और जब हमें उनके कार्यकाल के बाद उन्हें पद से हटाना पड़ता है, तो (यह इतना कठिन होता है कि) भगवान ही हमें बचाए.''
यहां पार्टी द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब हमने अध्यक्षों का कार्यकाल दो साल तय कर दिया है. हमने यह संदेश कुछ मंत्रियों को भी दे दिया है. मैं अभी इस पर चर्चा नहीं करना चाहता....''
शिवकुमार ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वह इस सप्ताह के अंत में दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे. पार्टी आलाकमान द्वारा मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है, मुख्यमंत्री, एआईसीसी महासचिव से पूछिए. अगर मुझे पता चलेगा तो मैं बात करूंगा....''
शिवकुमार से जब अपने संबोधन में मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत देने वाले बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘...(यह) कुछ निश्चित स्थितियों में है, अभी नहीं, इसके लिए समय है, यह तत्काल आवश्यक नहीं है....''
कर्नाटक मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही हैं क्योंकि कुछ विधायक मंत्री बनने की इच्छा सार्वजनिक रूप से जता चुके हैं.