कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार की संपत्ति और कागजातों का सीबीआई ने राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार को सत्यापन किया. जांच एजेंसी कथित मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी संपत्ति की जांच कर रही है. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि सीबीआई अधिकारियों ने बुधवार को कनकपुरा, डोड्डालहल्ली, सांटे कोडिहल्ली में डीके शिवकुमार के घर, जमीन और अन्य स्थानों का दौरा किया और उनकी संपत्तियों और उनसे संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन किया.
गौरतलब है कि 2017 में शिवकुमार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी बनाया गया था था. तीन राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक में नेता से जुड़ी 14 संपत्तियों पर छापेमारी के बाद सीबीआई ने कहा था कि उन्होंने अवैध रूप से 75 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं.
अक्टूबर 2020 में, एजेंसी ने उनके और उनके भाई डीके सुरेश से जुड़े एक दर्जन से अधिक परिसरों की तलाशी ली थी. 2017 से शिवकुमार की आयकर विभाग द्वारा भी जांच की जा रही है. बेंगलुरू और अन्य जगहों पर सिलसिलेवार तलाशी के बाद उनकी संपत्ति जब्त की गई थी.
बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच के बाद आईटी छापेमारी की गई और बाद में मामला सीबीआई तक पहुंचा था. सीबीआई ने उनकी जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी क्योंकि वह उस समय कैबिनेट मंत्री थे. सितंबर 2019 में जांच एजेंसी को मंजूरी मिल गयी थी. प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है. 3 सितंबर, 2019 को एजेंसी ने शिवकुमार को गिरफ्तार कर लिया था. पिछले महीने उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिली थी. इस महीने की शुरुआत में ईडी ने उनसे एक दूसरे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी पूछताछ की थी.
शिवकुमार ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और दावा किया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई भाजपा की "प्रतिशोध की राजनीति" का हिस्सा है.