कर्नाटक बीजेपी के बड़े नेता केएस ईश्वरप्पा को कांट्रैक्टर सुसाइड केस में क्लीनचिट मिली

कर्नाटक (Karnataka) में बीजेपी सरकार के पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) को कांट्रैक्टर सुसाइड केस में पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है. इसे ईश्वरप्पा के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, जिन्हें कांट्रैक्टर संतोष के सुसाइड केस के आरोपों के बाद मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था. 

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कर्नाटक पुलिस ने कांट्रैक्टर संतोष के सुसाइड केस में केएस ईश्वरप्पा को क्लीन चिट दे दिया है.
बेंगलुरु:

कर्नाटक बीजेपी के बड़े नेता केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) को कांट्रैक्टर सुसाइड केस में पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है. इसे ईश्वरप्पा के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, जिन्हें आत्महत्या के मामले में आरोपों के बाद मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था. पुलिस ने कांट्रैक्टर संतोष के सुसाइड केस में बी रिपोर्ट फाइल की है. उडुपी पुलिस ने पब्लिक रिप्रंजेटेटिव कोर्ट में ये रिपोर्ट फाइल की है. खबरों के मुताबिक, सुबूतों के अभाव में पुलिस ने ईश्वरप्पा को क्लीन चिट दी है. कांट्रैक्टर संतोष पाटिल की 12 अप्रैल 2022 की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उसने ईश्वरप्पा पर 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाया था. इन आरोपों से ईश्वरप्पा ने इनकार किया था, लेकिन काफी दबाव के बाद मंत्रिपद से त्यागपत्र दे दिया था. 

भ्रष्‍टाचार के आरोप और एक ठेकेदार की खुदकुशी में कथित भूमिका को लेकर विवादों में घिरे बीजेपी के दिग्‍गज नेता और कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्‍वरप्‍पा ने कल अपना इस्‍तीफा मुख्‍यमंत्री बासवराज बोम्‍मई को सौंप दिया था. इस्‍तीफा देने से पहले ईश्‍वरप्‍पा ने अपने समर्थकों से कहा था कि वो लोग चिंता न करें क्योंकि वह दोबारा लौटकर आएंगे. उधर, शिवमोगा में ईश्‍वरप्‍पा के समर्थकों ने उनका 'जबरन इस्‍तीफा' लिए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया था. ईश्‍वरप्‍पा इस्तीफा देते हुए कहा था कि मैं पार्टी में अपने वरिष्‍ठों और शुभचिंतकों के लिए कोई परेशानी नहीं खड़ी करना नहीं चाहता. इसलिए मैं इस्‍तीफा दे रहा हूं.

ईश्‍वरप्‍पा पर क्या थे आरोप 
पंचायती राज मंत्री ईश्‍वरप्‍पा पर संतोष पाटिल नाम के कांट्रेक्‍टर ने "कमीशन" मांगने के आरोप लगाए थे. इसके बाद पाटिल ने खुदकुशी कर ली थी. पाटिल का शव उडुपी में एक निजी लॉज के कमरे में मिला था. पाटिल ने व्‍हाट्सएप संदेश में ईश्‍वरप्‍पा पर भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया था. साथ ही अपनी मृत्यु के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार बताया था. खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ईश्वरप्पा चार करोड़ के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग रहे थे.

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