'पहले शिक्षा...'- वार्षिक परीक्षाओं के बीच हिजाब विवाद को लेकर क्या बोली बेंगलुरू की स्कूल मैनेजमेंट

कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए अधिकारियों ने सोमवार को शिवमोग्गा और उडुपी जिलों में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब एवं बुर्का पहनी छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया.

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उडुपी में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब एवं बुर्का पहनी छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया
बेंगलुरु:

कर्नाटक के स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं. इसको देखते हुए बेंगलुरू के स्कूलों ने पिछले कुछ महीनों से चल रहे हिजाब विवाद से अपने को किनारा कर लिया है. इसको लेकर स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उनका मुख्य फोकस सिर्फ बच्चों के शिक्षा पर है. कोशिश यह की जा रही है छात्र परीक्षा में बैठे. कर्नाटक में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कलों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट के जेनरल सेक्रेटरी डी शशिकुमार ने कहा कि कुछ स्कूल बिना किसी विवाद के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कर रहे हैं, जबकि अन्य छात्राओं को विवाद से बचने के लिए हिजाब में कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दे रहे हैं. 

शशिकुमार बताते हैं कि बेंगलुरु में कोई बड़ा विवाद नहीं है. हिजाब को लेकर कुछ स्कूलों ने छात्राओं के लिए विकल्प छोड़ दिया है. वह अपने हिसाब से तय करें. इस मुद्दे पर राजनीति से प्रेरित होने के बजाय स्कूल प्रबंधन शिक्षा पर फोकस कर रहा है. शहर के स्कूलों में से एक गुडविल क्रिश्चियन स्कूल और कॉलेज ( Goodwill Christian School and College) एक निजी शैक्षणिक संस्थान है. यहां मुस्लिम समुदाय के 90 प्रतिशत से अधिक छात्र हैं. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद स्कूल में हिजाब पर कोई पाबंदी नहीं है.

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स्कूल की एक छात्रा सामिया फातिमा ने कहा, "हां, मैं अपनी कक्षा में हिजाब पहनती हूं. किसी ने मुझे हिजाब पहनने से नहीं रोका. हिजाब पहनना हमारा अधिकार है. हिजाब नहीं पहनने को लेकर छात्राओं को प्रवेश देते समय कोई लिखित निर्देश नहीं है.  गुडविल्स गर्ल्स क्रिश्चियन कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सुजाता क्रिस्टोफर (Dr Sujata Christopher) ने कहा कि शिक्षा देना उनका उद्देश्य है. इसलिए उन्होंने क्लास में हेडस्कार्फ़ की अनुमति दी है.  उन्होंने कहा कि यहां बहुत शांतिपूर्ण माहौल है. मुस्लिम लड़कियां कॉलेज जाते वक्त और क्लास में बुर्का और हिजाब पहनती हैं.  वहीं एक अन्य कॉलेज के प्रिंसिपल आनंद ने कहा कि न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए. सभी को उच्च न्यायालय ने जो कहा है उसका पालन करना चाहिए. हम किसी भी छात्रा को हिजाब के साथ कक्षा के अंदर अनुमति नहीं दे रहे हैं. 

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बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए अधिकारियों ने सोमवार को शिवमोग्गा और उडुपी जिलों में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब एवं बुर्का पहनी छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया. प्राप्त सूचना के अनुसार, शिवमोग्गा के डीवीएस कॉलेज में 15 छात्राओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें न सिर्फ हिजाब, बल्कि बुर्का पहन कर भी प्रवेश करने की अनुमति दी जाए.  सूत्रों ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने उनसे कहा कि वे कक्षा में नहीं बैठ सकती हैं क्योंकि उच्च न्यायालय का अंतरिम आदेश लागू है. इसके बाद, छात्राएं कॉलेज के द्वार पर एकत्र हुई लेकिन वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे एकत्र नहीं हो सकती क्योंकि सीआरपीसी की धारा 144 लागू है.

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