कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के प्रचंड बहुमत के बाद भी क्यों रो पड़े डीके शिवकुमार?

केपीसीसी यानी कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रहे डीके शिवकुमार पर कांग्रेस आलाकमान भी भरोसा जताती है. 7 बार के विधायक डीके शिकुमार का नाम कर्नाटक के मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर भी देखा जा रहा है.

बेंगलुरु:

कांग्रेस ने कर्नाटक की जंग (Karnataka Assembly Elections Result 2023) जीत ली है. पार्टी को कुल 224 में से 137 सीटें मिली हैं. इस प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस के दफ्तरों और कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है. जीत का आलम ये है कि चुनाव परिणामों पर बोलते हुए कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) भावुक हो गए. शिवकुमार ने प्रदेश का नेतृत्व करने के लिए उनमें विश्वास जताने को लेकर गांधी परिवार (Gandhi Family) का आभार जताया है. डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर माने जा रहे हैं.

कर्नाटक में जीत पक्की होने के बाद शिवकुमार ने कहा, "मैं पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रेय देता हूं, जिन्होंने इतनी मेहनत की है. लोगों ने झूठ का पर्दाफाश किया है... मैंने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी को जीत का भरोसा दिया था. मैं भूल नहीं सकता जब सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने आई थीं. तब मैंने पद पर रहने के बजाय जेल में रहना चुना, पार्टी को मुझ पर इतना भरोसा था."

शिवकुमार ने कहा, "मैंने पार्टी आलाकमान को बताया था कि मैं कर्नाटक में पार्टी की जीत सुनिश्चित करूंगा. मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस जीत का श्रेय देता हूं. लोगों ने हममें विश्वास जताया और नेताओं ने हमारा समर्थन किया. यह सामूहिक नेतृत्व है और हमने मिलकर काम किया." उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया समेत प्रदेश के पार्टी नेताओं, विधायकों और पदाधिकारियों का आभार जताया.

डीके शिवकुमार को राजनीति में 'कनकपुरा की चट्टान' के नाम से जाना जाता है. कर्नाटक में वह पार्टी के रणनीतिकार हैं. आलाकमान के साथ अच्छे संपर्क में हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय में मामला दर्ज होने के बाद वह जेल भी गए थे.

केपीसीसी यानी कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रहे डीके शिवकुमार पर कांग्रेस आलाकमान भी भरोसा जताती है. 7 बार के विधायक डीके शिकुमार का नाम कर्नाटक के मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर भी देखा जा रहा है.

डीके शिवकुमार अपने छात्र जीवन के दौरान कांग्रेस में राजनीतिक रूप से सक्रिय थे. उन्होंने पहली बार 1985 में जेडीएस के एचडी देवेगौड़ा के खिलाफ मुकाबला किया और हार गए. बाद में, 1987 में, उन्हें सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से बेंगलुरु ग्रामीण जिला पंचायत के सदस्य के रूप में चुना गया.

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