किसान संघ के नेता और करनाल जिला प्रशासन शनिवार को एक और दौर की बातचीत करेंगे, जिसमें दोनों पक्षों को शुक्रवार को चार घंटे की लंबी मैराथन बैठक के बाद मुद्दों के जल्द समाधान की उम्मीद है. 28 अगस्त को पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने मंगलवार को करनाल में जिला मुख्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया था. उनकी मुख्य मांग तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित करना है, जो कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से यह कहते हुए सुने गए थे कि अगर वे सीमा पार करते हैं तो किसानों का "सिर फोड़" दें.
उन्होंने यह भी दावा किया था कि 28 अगस्त की हिंसा के बाद एक किसान की मौत हो गई, हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को खारिज कर दिया. करनाल जिला मुख्यालय के बाहर किसानों का धरना शुक्रवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया, दोनों पक्षों ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘हमने चार घंटे तक चर्चा की. कुछ सकारात्मक बातें सामने आई हैं और शनिवार को एक और बैठक होगी.''