करगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट जनरल जोशी 40 साल की सेवा के बाद हुए सेवानिवृत्त

लेफ्टिनेंट जोशी ने करगिल युद्ध के दौरान अपने उत्कृष्ट नेतृत्व से देश का ध्यान खींचा और अपनी यूनिट को अभूतपूर्व सफलता दिलाई थी. ऑपरेशन विजय में उनकी कमान के तहत यूनिट को कुल 37 वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.

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लेफ्टिनेंट जोशी ने करगिल युद्ध के दौरान अपने उत्कृष्ट नेतृत्व से देश का ध्यान खींचा था. (फाइल फोटो)
जम्मू:

करगिल युद्ध (Kargil War) के नायक लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी (Lieutenant General YK Joshi) अपने 40 साल के प्रतिष्ठित करियर के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) में विभिन्न रणनीतिक पदों पर सेवा देने के बाद सोमवार को उत्तरी कमान के प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हो गए. लेफ्टिनेंट जनरल जोशी को एक फरवरी 2020 को जम्मू कश्मीर के उधमपुर में उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में नियुक्त किया गया था. 

सेना ने कहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल जोशी अधिकारियों की आने वाली पीढ़ियों को अपने उत्कृष्ट गुणों का अनुकरण करने, सभी परिस्थितियों में नेक मार्ग पर चलने, न्याय की भावना और रणनीतिक सोच के लिए प्रेरित करते रहेंगे. 

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लेफ्टिनेंट जोशी ने करगिल युद्ध के दौरान अपने उत्कृष्ट नेतृत्व से देश का ध्यान खींचा और अपनी यूनिट को अभूतपूर्व सफलता दिलाई. 

रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ऑपरेशन विजय में उनकी कमान के तहत यूनिट को कुल 37 वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें दो परम वीर चक्र, आठ वीर चक्र और 14 सेना पदक शामिल हैं.''

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लेफ्टिनेंट जनरल जोशी को वीर चक्र और उनकी यूनिट के कैप्टन विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. 

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