कारगिल विजय दिवस : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खराब मौसम की वजह से द्रास नहीं जा सके

Kargil Vijay Diwas News : प्रेसिडेंट कोविंद 2019 में भी बैड वेदर के कारण द्रास नहीं जा पाए थे. तब उन्होंने बादामीबाग में सेना के 15 कोर मुख्यालय में एक युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी.

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President Ram Nath Kovind द्रास सेक्टर में शहीदों को श्रद्धांजलि देने जाने वाले थे

कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ (Kargil Vijay Diwas) पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) का द्रास (Drass) में आयोजित कार्यक्रम रद्द हो गया है. राष्ट्रपति कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए द्रास जाने वाले थे. सैन्य अधिकारियों ने सोमवार को इस बारे में बताया.खबरों के मुताबिक, यह तीन साल में दूसरी बार है, जब राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद खराब मौसम की वजह से कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम के लिए द्रास नहीं जा सके. गौरतलब है कि करगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम हस्तियों ने वीर जवानों को याद किया है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.

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प्रेसिडेंट कोविंद 2019 में भी बैड वेदर के कारण द्रास नहीं जा पाए थे. तब उन्होंने बादामीबाग में सेना के 15 कोर मुख्यालय में एक युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी. वहीं वर्ष 2020 में महामारी के कारण समारोह आयोजित नहीं किया गया था. कोविंद का विमान खराब मौसम के कारण द्रास सेक्टर के लिए उड़ान नहीं भर पाया. द्रास जाने का कार्यक्रम रद्द होने के बाद राष्ट्रपति शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तर कश्मीर स्थित बारामूला वॉर मेमोरियल गए.

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कोविंद बारामूला दौरे के बाद गुलमर्ग के ‘हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल' का भी दौरा करेंगे और सुरक्षाबलों से बात करेंगे. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी राष्ट्रपति के साथ रहे. राष्ट्रपति  गुलमर्ग से बादामी बाग छावनी जाएंगे, जहां से वह राजभवन जाएंगे. राष्ट्रपति राजभवन में दोपहर लंच के बाद जम्मू-कश्मीर में एकीकृत कमान के मुख्यालय के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे.

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प्रेसिडेंट मंगलवार को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के सभागार में कश्मीर यूनिवर्सिटी के 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे. बुधवार सुबह वो दिल्ली रवाना होंग. वर्ष 1999 में भारतीय सशस्त्र बलों ने करगिल पर कब्जा करने के पाकिस्तान के प्रयासों को नाकाम कर दिया था। इसे ‘ऑपरेशन विजय' नाम दिया गया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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