कानपुर पुलिस ने जरूरतमंदों के लिए शुरू किया ऑक्सीजन बैंक, मुफ्त में भरवा सकेंगे सिलेंडर

कानपुर उन शहरों में है जहां कोरोना कहर बन कर टूटा है. यहां अभी भी 11675 एक्टिव  केस है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1370 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकारी आंकड़े इससे बहुत ज्यादा हैं.

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कानपुर पुलिस ने जरूरतमंदों के लिए शुरू किया ऑक्सीजन बैंक, मुफ्त में भरवा सकेंगे सिलेंडर
प्रतीकात्मक तस्वीर.
कानपुर:

कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की भयानक किल्लत के बीच कानपुर पुलिस कमिश्नर ने एक ऑक्सीजन बैंक शुरू कर जरूरतमंदों को मुफ्त सिलेंडर बांटने शुरू कर दिये है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि जिन्हें ऑक्सीजन की फौरन जरूरत ना हो वो पुलिस को सिलेंडर दान दें या उधार दे दें, ताकि जिन्हें फौरन जरूरत हैं, उनकी जान बचाई जा सके.  ये कानपुर पुलिस पुलिस लाइन में पुलिस का ऑक्सीजन बैंक है. यहां से जरूरत मंदों को मुफ्त सिलेंडर मिलता है. कानपुर के कुपरगंज की लक्ष्मी यहां अपना बीमार पिता के लिए सिलेंडर की तलाश में पहुंचीं, उनकी मुराद पूरी हुई. 

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कर्नलगंज के एसीपी त्रिपुरारी पांडे ने कहा कि वो बहुत भावुक हुई थी और उसकी आंखों में पानी था. उसको देखते हुए हम लोग ने तुरंत बिठाया और पानी पिलवा कर के और तुरंत उसे जो अपने पास सिलेंडर इस कोरोना महामारी के तहत हमलोगों ने भरवा कर रखा था उसमें से उन्हें प्रदान किया गया. 

कानपुर उन शहरों में है जहां कोरोना कहर बन कर टूटा है. यहां अभी भी 11675 एक्टिव  केस है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1370 लोगों की मौत हो चुकी है. सरकारी आंकड़े इससे बहुत ज्यादा हैं. यहां पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने इस सिलेंडर बैंक शुरुआत की है. सिलेंडर बैंक में जनता से जरूरत से जरूरत से ज्यादा सिलेंडर दान में या उधार मांगे जा रहे हैं.

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कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कहा कि जिन लोगों को जरूरत है उन्हें ये उपलब्ध कराया जाएगा और आवश्यकता पूरी होने के बाद में ये सिलेंडर आपको वापस कर दिया जाएगा. ये पूरी तरीके से निशुल्क व्यवस्था है. इसमें कहीं भी किसी से कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है. केवल प्रयोजन ये है, उद्देश्य ये है कि जिसकी जरूरत है उस तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंच पाये. 

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यहां दूर-दूर से लोग सिलेंडर लेने आ रहे हैं. देवेंद्र प्रसाद 200 किलोमीटर दूर इटावा के एक गांव से आये हैं. उनके भाई सैफई में भर्ती हैं जहां उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली. देवेंद्र प्रसाद का कहना है कि सैफई में हमारे मरीज को देखा तक नहीं गया. बोला गया कि यहां न ऑक्सीजन है, ना यहां बेड है, ऑक्सीजन लेकर आइए तब हम आपके मरीज को देख सकते हैं.  तो किसी जरिये से मुझे पता चला कि कानपुर में यहां गैस ऑक्सीनज मिलती है.मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है. आज पुलिस विभाग मेरे साथ है. मुझे इस बात की बहुत खुशी हुई. 

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