कंझावला मामले के आरोपी दिल्ली पुलिस को चकमा देने में लगे हुए हैं और लगातार झूठ बोल रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आरोपियों के अनुसार घटना के वक्त कार में पांच लोग बैठे थे. जबकि कार में 4 लोग थे. इतना ही नहीं आरोपियों ने कहा कि कार दीपक चला रहा था. जबकि जांच में सामने आया है कि कार अमित चला रहा था. आरोपियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि कार में कोई फंसा हुआ है क्योंकि कार का म्यूजिक तेज था और शीशे बंद थे. वहीं जांच में पाया गया है कि आरोपियों को 2.5 किलोमीटर बाद मालूम चल गया था कि लडकी गाड़ी में फंसी हुई थी.
पुलिस को दिए बयान में आरोपियों ने कहा है कि हादसे के बाद वो डर गए थे, इसलिए घर भाग गए थे. लेकिन वो घटना के बाद से वारदात को छिपाने की पूरी कोशिश कर रहे थे और कार में बैठे-बैठे इसकी प्लानिंग कर रहे थे. आरोपी आशुतोष और अंकुश को सब पता था. लेकिन उन्होंने शुरुआत में कहा की हमें कुछ पता नहीं है.
दिल्ली पुलिस ने किए कई अहम खुलासे
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कई अहम खुलासे किए थे. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी सागरप्रीत हुडा ने बताया कि इस अपराध में 5 नहीं बल्कि 7 लोग शामिल थे. पांच मुख्य आरोपी की तरह दो और भी लोग हैं, जो इसमें शामिल थे.
पुलिस के स्पेशल सीपी सागरप्रीत हुडा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच बेहद अहम मोड़ पर पहुंच गई है. हमारी 18 टीमें काम कर रही हैं. प्रत्यक्षदर्शी के 164 के बयान करा लिए गए हैं. दो अन्य आरोपियों में एक आशुतोष और दूसरा अंकुश खन्ना है. हमें फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. हालांकि उन्होंने किसी तरह के रेप के सबूत मिलने से इनकार किया.