बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौट ने अपना ट्विटर अकाउंट रीस्टोर होने के अगले ही दिन फिल्मोद्योग पर एक बार हमला बोला है, और उसे बेहद भद्दा बताया है, जो कला की कीमत को नहीं समझता.
दो साल बाद रीस्टोर हुए अकाउंट पर कंगना ने बुधवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने लिखा, "फिल्म उद्योग इतना भद्दा है कि जब भी वे अपनी किसी कोशिश या कला की कामयाबी को दर्शाना चाहते हैं, वे आपके मुंह पर पैसा दे मारते हैं, जैसे कला का कोई और मकसद है ही नहीं... ऐसा करना उनके गिरे हुए स्तर की पोल खोल देता है..."
इसके बाद कंगना रनौत ने अगले ट्वीट में लिखा, "पुराने वक्त में कला मंदिरों में खिली थी, और फिर धीरे-धीरे साहित्य और थिएटर के रास्ते सिनेमाघरों तक पहुंची... यह उद्योग ज़रूर है, लेकिन इसे अरबों-खरबों डॉलर वाले अन्य व्यवसायों की तरह आर्थिक फायदे के लिए तैयार नहीं किया गया है, और इसी वजह से कला और कलाकारों की पूजा की जाती है, उद्योगपतियों या अरबपतियों की नहीं..."
फिल्मोद्योग पर बरसते हुए एक बार फिरतीसरे ट्वीट में कंगना रनौत ने लिखा, "सो, भले ही कलाकार खुद ही समूचे मुल्क में कला के माहौल को प्रदूषित करने में जुटे हों, उन्हें ऐसा ढके-छिपे तरीके से करना चाहिए, खुलेआम बेशर्मी से नहीं..."
इसके अलावा, बुधवार को ही कंगना रनौट ने अपने गृहप्रदेश हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिए जाने की खुशी भी बांटी, और एक तस्वीर पोस्ट की.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणामों के बाद हुई हिंसा से जुड़ी विवादास्पद सामग्री पोस्ट करने की वजह से ट्विटर ने कंगना के अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था. कहा गया था कि उनके अकाउंट से कई बार 'घृणित आचरण और अपमानजनक व्यवहार' से जुड़ी ट्विटर की नीति का उल्लंघन किया.
इसके अलावा, वर्ष 2016 में, 35-वर्षीय कंगना रनौट के एक बयान से बॉलीवुड भी बंट गया था, जब उन्होंने निर्माता-निर्देशक करण जौहर को 'नेपोटिज़्म का झंडाबरदार' कहा था. कंगना ने यह टिप्पणी करण जौहर के टीवी चैट शो 'कॉफी विद करण' में ही की थी. उसके बाद से वह अक्सर कई फिल्मी सितारों के बॉलीवुड में प्रवेश करने वाले बच्चों पर निशाना साधती रही हैं, और लगभग हर इंटरव्यू में उन पर बरसती रही हैं.