क्या कंचनजंगा ट्रेन हादसे की वजह बनी सिग्नल खराबी? जारी किया गया था T/A 912; जानें इसका मतलब

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर से हुए दर्दनाक हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई. अब इस मामले में सिग्नल सिस्टम के खराब होने की बात सामने आ रही है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
रंगापानी और छत्तरहाट के बीच के लिए T/A 912 जारी किया गया था.
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर से हुए दर्दनाक हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई. अब इस मामले में सिग्नल सिस्टम के खराब होने की बात सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक पता चला है कि हादसे वाले रूट पर सुबह साढ़े 5 बजे से ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम खराब था. ऐसी सूरत में मैनुअली सिस्टम के तहत ट्रेनों का परिचालन होता है. इसके लिए लोको पायलट को T/A 912 (To pass traffic the defective signal in) के तौर पर लिखित दस्तावेज जारी किया जाता है. T/A 912 मालगाड़ी और कंचनजंघा के लोको पायलट को दिया गया.

क्या है T/A 912 : 

T/A 912 लोको पायलट को अधिकार देता है कि लाल बत्ती को पार करे पर रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रहे. जितना संभव हो सके सिग्नल के पहले रुकें. दिन के वक्त में सिग्नल पर 1 मिनट रूकना और रात के वक्त दो मिनट तक रूकना अनिवार्य है. इसके बाद भी जब गाड़ी चले तो उसकी रफ्तार 10 किलो मीटर प्रति घंटे की रहे. सिग्नल से निकलने के बाद लोको पायलट को सुनिश्चित करना जरूरी है कि उसकी ट्रेन और पिछली ट्रेन या लाइन पर किसी रुकावट के बीच कम से कम 150 मीटर या दो OHE span की दूरी बनी रहे.

ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम फेल होने के बाद मैनुअल ऑपरेशन के लिए  T/A 912 एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के बीच के लिए स्टेशन मास्टर लोको पायलट को जारी करता है. रंगापानी और छत्तरहाट के बीच के लिए T/A 912 जारी किया गया था. इन दोनों स्टेशनों के 9 सिग्नल को पार करते हुए कंटेनर ( मालगाड़ी) ने कंचनजंघा एक्सप्रेस को टक्कर मारी.

Advertisement

कैसे हुआ हादसा

दार्जिलिंग जिले में एक मालगाड़ी की टक्कर लगने के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में 10 यात्रियों की जान चली गई और कई घायल हैं. यह घटना सोमवार सुबह करीब नौ बजे हुई. हादसे में मालगाड़ी के लोको पायलट की भी मौत हो गई है. न्यू जलपाईगुड़ी तक कंचनजंगा एक्सप्रेस एकदम सुरक्षित रहती है. यात्री सुबह के समय कई सोए हुए थे और कई नाश्ते कर चुके थे या इसके प्रबंध में जुटे हुए थे. लेकिन तब किसी को भनक तक नहीं थी कि आगे उनके साथ क्या होने वाला है.

Advertisement

इसके बाद  कंचनजंगा एक्सप्रेस 8 किलोमीटर तक आराम से अपने सफर पर आगे बढ़ती है. यात्रियों अपनी बातचीत में व्यस्त होते हैं और अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने का इंतजार कर रहे होते हैं. फिर कंचनजंगा एक्सप्रेस रंगपानी स्टेशन क्रॉस करती है. यहां से कंचनजंगा एक्सप्रेस 6 किलोमीटर आगे बढ़ती है और रूक जाती है. तभी करीब नौ बजे एक मालगाड़ी पीछे से आती है और आगे खड़ी ट्रेन में टक्कर मार देती है. ट्रेन के अंदर चीख-पुकार मच जाती है. इसी दर्दनाक हादसे में कई लोगों की जान चली गई.

Advertisement

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने क्या बताया

दुर्घटना के तुरंत बाद, रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि टक्कर इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की. रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है. दुर्घटना स्थल पर बचाव अभियान दोपहर तक पूरा हो गया था, जिसके बाद रुट पर आवाजाही शुरू हो गई. पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों ने कहा कि कई घायलों का इलाज किया गया और उन्हें घर जाने दे दिया गया, जबकि कुछ मरीज बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती हैं. 

Advertisement

मालगाड़ी के लोको पायलट की ओर से संभावित 'मानवीय भूल' की ओर इशारा करते हुए रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष सिन्हा ने दिल्ली में मीडिया को बताया कि यह टक्कर संभवतः इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की थी. हालांकि, सिन्हा ने माना कि गुवाहाटी-दिल्ली मार्ग पर रेलवे की 'कवच' या ट्रेन टक्कर रोधी प्रणाली नहीं है, जहां दुर्घटना हुई. उन्होंने कहा, ‘‘अभी यह वहां नहीं है.''

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल का जायजा लिया

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटनास्थल पहुंचकर राहत कार्यों का जायजा लिया और घायलों और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की. वैष्णव ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे, गंभीर रूप से घायलों को ढाई-ढाई लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे.'' वैष्णव ने कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है और कहा कि उन परिस्थितियों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे जिनके कारण दुर्घटना हुई.

(आईएएनएस और भाषा इनपुट्स के साथ)

ये भी पढ़ें : कंचनजंगा एक्सप्रेस से कैसे भिड़ी मालगाड़ी? उन आखिरी मिनटों में क्या हुआ...वीडियो से सब समझिए

Featured Video Of The Day
Jaipur CNG Tanker Blast: 2 दिन में 3 राज्यों में 3 बड़े हादसे | Bus Fire News