किसानों के समर्थन में कमल हासन, कहा - कृषि का सम्मान नहीं करने वाले देश का...

हसन ने कहा, “जो देश कृषि का सम्मान नहीं करता उसका पतन हो जाएगा. मैं मानता हूं कि ऐसा हमारे देश के साथ नहीं होना चाहिए. वे (किसान) अन्नदाता हैं.”

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
कमल हसन ने कहा था कि उनकी पार्टी 2021 के विधानसभा चुनावों में “तीसरे मोर्चे” का नेतृत्व कर सकती है.
तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु):

दिल्ली के बाहर विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हसन ने सोमवार को कहा कि जो देश “कृषि का सम्मान नहीं करता उसका पतन हो जाता है.” हसन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि किसान “अन्नदाता” हैं. उन्होंने पूर्व में राष्ट्रीय राजधानी के निकट प्रदर्शन कर रहे किसानों से एकजुटता दिखाने के लिये पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल को भेजा था.

हसन ने कहा, “जो देश कृषि का सम्मान नहीं करता उसका पतन हो जाएगा. मैं मानता हूं कि ऐसा हमारे देश के साथ नहीं होना चाहिए. वे (किसान) अन्नदाता हैं.”

वह दिल्ली में एक महीने से भी ज्यादा समय से चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़े एक सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. ये किसान केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग कर रहे हैं.

रक्तचाप में उतार-चढ़ाव के लिये अस्पताल में भर्ती होने के बाद रविवार को अस्पताल से छुट्टी पाने वाले अभिनेता रजनीकांत से जुड़े एक सवाल पर हसन ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण है.

यह पूछे जाने पर कि क्या रजनीकांत द्वारा अगले महीने अपनी पार्टी बनाए जाने के बाद वो उनसे हाथ मिलाएंगे, हसन ने कहा, “हम 40 साल पहले ऐसा कर चुके हैं.” उन्होंने संभवत: कई फिल्मों में साथ काम करने के संदर्भ में यह बात कही. हसन ने कहा, “यह जरूरी नहीं कि दोस्ती खत्म हो जानी चाहिए” अगर वे राजनीति में आएं तो.

पूर्व में दोनों ने राजनीति में साथ मिलकर काम करने के संकेत दिये थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने संकेत दिया कि उनकी पार्टी 2021 के विधानसभा चुनावों में “तीसरे मोर्चे” का नेतृत्व कर सकती है.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Breaking News: Supreme Court का बड़ा फैसला, सभी निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं | Article 39 B