कर्नाटक के कलबुर्गी में पुलिस ने एक ऐसे चोर को पकड़ा है, जो चोरी किए गए सामान का इस्तेमाल दान-पुण्य के लिए करता था और खुद को ‘भक्त' के रूप में पेश कर रहा था. शिवप्रसाद उर्फ मंत्रिशंकर को पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके पास से 412 ग्राम सोना बरामद किया है. जिसकी कीमत लगभग 30 लाख रुपये थी. आरोपी शिवप्रसाद मूल रूप से तेलंगाना का रहने वाला है. आरोपी चोरी के पैसों को मंदिरों में दान करता था और भंडारे करवाता था. वो ऐसा इसलिए करता था ताकि उसकी असली पहचान छुपी रहे. वो खुद को एक अच्छे इंसान के तौर पर लोगों के सामने पेश करता था.
260 से अधिक आपराधिक मामलों में संलिप्त
बेलगावी पुलिस कमिश्नर डॉ. शरणप्पा एस.डी. ने बताया कि चोरी के धन से आरोपी ने कई मंदिरों में अन्नदान सेवाएं चलाईं और दान भी किए. जांच में यह भी सामने आया कि शिव प्रसाद 260 से अधिक आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है. चोरी की गई चांदी, सोना और नकदी का उपयोग वह मेलों और धार्मिक आयोजनों में मुफ्त भोजन वितरण के लिए करता था.
उंगलियों पर लगाता था फेविक्विक
शिवप्रसाद की 'भक्ति' का दूसरा चेहरा और भी चौंकाने वाला है. उसने चोरी के पैसों से महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल को 5 लाख रुपये का दान दिया और लातूर जिले के एक गांव में विशाल भंडारा आयोजित कराया. इतना ही नहीं, पुलिस को धोखा देने के लिए यह शातिर चोर अपनी उंगलियों पर फेविक्विक (सुपरग्लू) लगाता था, ताकि फिंगरप्रिंट न मिल सकें.