- दशहरे के मौके पर जेएनयू कैंपस में एबीवीपी और वामपंथी छात्रों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें कई छात्र घायल हुए
- एबीवीपी ने रावण के पुतले पर दिल्ली दंगे के आरोपियों की तस्वीरें लगाकर विरोध जताया जिससे विवाद भड़का
- जेएनयू में दशहरे के दौरान वैचारिक और सांस्कृतिक टकराव पुराने समय से जारी है और यह बार-बार हिंसक रूप लेता है
दशहरे अवसर पर एक बार फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का कैंपस जंग का मैदान बन गया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं और AISA, SFI, DSF जैसे वामपंथी छात्र संगठन आमने-सामने नजर आए. विवाद तक बढ़ गया, जब रावण के पुतले पर 10 सिरों में दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम समेत कई लोगों की फोटो लगा दी गईं. इससे पहले एबीवीपी के छात्रों ने आरोप लगाया के अन्य ग्रुप के छात्रों ने मूर्ति विसर्जन के दौरान उन्हें चप्पल दिखाए, पत्थरबाजी की और अभद्र नारेबाजी की. इस घटना में कुछ छात्राएं और विद्यार्थी घायल हुए. आरोप दोनों और से लग रहे हैं. लेकिन जेएनयू में ये बवाल कोई नया नहीं है. हर साल यहां दशहरा के दौरान हंगामा देखने को मिलता है. दरअसल, ये छात्र संगठनों के बीच वैचारिक और सांस्कृतिक टकराव की लड़ाई है, जो दशहरा जैसे असवरों पर और भड़क जाती है.
2016 में एनएसयूआई छात्रों ने रावण के पुतले पर लगा मंत्रियों के चेहरे
जेएनयू महिषासुर शहादत दिवस, रावण दहन में व्यक्तियों के चित्र जलाना या धार्मिक प्रतीकों पर आपत्ति जैसे मुद्दे केंद्र में रहे हैं. साल 2016 में दशहरे पर एनएसयूआई छात्रों ने रावण के पुतले पर सरकार के बड़े मंत्रियों योगगुरु रामदेव, आसाराम बापू और जेएनयू वीसी जगदेश कुमार के चेहरे चिपकाकर जलाये थे. तब यहां काफी बवाल हो गया था. एनएसयूआई छात्रों का कहना था कि इसे केंद्र सरकार की असफलताओं के खिलाफ विरोध स्वरूप में देखना चाहिए. वहीं, मंत्रियों के चित्रों को रावण के पुतले पर लगाने को एबीवीपी ने राष्ट्र-विरोधी बताया था. इस दौरान छात्र संगठनों के बीच झड़प भी हुई, लेकिन कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई थी.
जब JNU में बांटे गए थे दुर्गा माता से जुड़े 'आपत्तिजनक' पर्चे
जेएनयू में साल 2014 में महिषासुर शहादत दिवस पर जमकर विवाद हुआ था. तब एआईबीएसएफ ने दुर्गा माता से संबंधित आपत्तिजनक पर्चे बांटे थे, जिसपर एबीवीपी हमलावार हो गई थी. इसके बाद छात्रों के बीच जमकर मुक्केबाजी हुई और विश्वविद्यालय प्रशासन को बीच-बचाव करने के लिए आना पड़ा था. इसके साथ ही तब दशहरे के समय धार्मिक प्रतीकों पर बहस तेज हो गई थी. इसे लेकर भी छात्र संगठनों के बीच काफी हंगामा हुआ था.
इस बार टारगेट पर दिखे उमर खालिद और शरजील इमाम
जेएनयू एक बार फिर दशहरे पर जंग का मैदान बना नजर आया. विजयादशमी पर दुर्गा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान सबरमती टी-पॉइंट के पास झड़प हुई. एबीवीपी ने रावण दहन में अफजल गुरु, उमर खालिद और शरजील इमाम के चित्र लगाकर पुतला जलाया, जिसे वामपंथी समूहों ने इस्लामोफोबिया और नफरत फैलाने का आरोप लगाया. जवाब में लेफ्ट छात्रों पर पत्थर फेंकने, जूते-चप्पल लहराने और नारेबाजी का आरोप लगाय. बताया जार हा है कि इस दौरान कई छात्र (महिलाएं समेत) घायल हुए. इसके बाद रावण के जिस पुतले का दहन किया जा रहा था, उसके 10 सिरों में दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम समेत कई लोगों की फोटो लगाई गई, जिससे विवाद और बढ़ गया. रावण के पुतले पर उमर खालिद और शरजील इमाम के फोटो देख वाम समूह के छात्र भड़क गए और हंगामा शुरू हो गया. हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी बवाल की वजह सामने नहीं आई है.
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