JNU को 1996 के बाद मिला पहला दलित छात्र अध्यक्ष, जानिए- धनंजय से जुड़ी खास बातें

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के धनंजय ने 2,598 वोट हासिल करके जेएनयूएसयू अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के शुक्रवार को हुए चुनाव में 73 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक है.

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आईसा के धनंजय ने 2,598 वोट मिले...

नई दिल्‍ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने लगभग तीन दशक बाद रविवार को अपना पहला दलित अध्यक्ष चुना जो वाम समर्थित समूह से है. यूनाइटेड लेफ्ट पैनल ने रविवार को जेएनयूएसयू चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को सभी पदों पर शिकस्त दीं. चार साल के अंतराल के बाद हुए चुनाव में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के धनंजय ने 2,598 वोट हासिल करके जेएनयूएसयू अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की, जबकि एबीवीपी के उमेश सी अजमीरा ने 1,676 मत प्राप्त किए.

धनंजय बिहार के गया के रहने वाले हैं और बत्ती लाल बैरवा के बाद वाम से इस विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पहले दलित अध्यक्ष चुने गए हैं. बैरवा 1996-97 में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे. जीत के बाद धनंजय ने कहा, "यह जीत जेएनयू के छात्रों का इस बात को लेकर जनमत संग्रह है कि वे नफरत और हिंसा की राजनीति को खारिज करते हैं. हम उनके अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखेंगे और छात्रों से जुड़े मुद्दों पर काम करेंगे. परिसर में महिलाओं की सुरक्षा, कोष में कटौती, छात्रवृत्ति वृद्धि, बुनियादी ढांचा और जल संकट शुरुआत से ही छात्र संघ की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है."

‘लाल सलाम' और ‘जय भीम' के नारों के बीच विजेता छात्रों का उनके समर्थकों ने स्वागत किया. उम्मीदवारों की जीत का जश्न मनाने के लिए छात्रों ने लाल, सफेद और नीले झंडे लहराए. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के अविजीत घोष ने एबीवीपी की दीपिका शर्मा को 927 वोट से हराकर उपाध्यक्ष पद जीता. घोष को 2,409 वोट मिले, जबकि शर्मा को 1,482 मत हासिल हुए.

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वाम समर्थित बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बीएपीएसए) उम्मीदवार प्रियांशी आर्य ने एबीवीपी के अर्जुन आनंद को 926 वोट से हराकर महासचिव पद जीता। आर्य को 2,887 वोट मिले जबकि आनंद को 1961 मतों से संतोष करना पड़ा. यूनाइटेड लेफ्ट ने आर्य को अपना समर्थन तब दिया था, जब चुनाव समिति ने उसकी उम्मीदवार स्वाति सिंह का नामांकन रद्द कर दिया, क्योंकि उनकी उम्मीदवारी को एबीवीपी ने चुनौती दी थी.

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संयुक्त सचिव पद पर वाम समूह के मोहम्मद साजिद ने एबीवीपी के गोविंद दांगी को 508 वोट से हराकर जीत हासिल की. चारों पदों में साजिद की जीत का अंतर सबसे कम है. चुनाव में जीत के साथ, वाम ने जेएनयू में अपना परचम लहराया. एबीवीपी ने कांटे की टक्कर दी और शुरुआती रुझानों में केंद्रीय पैनल के सभी चार पदों पर बढ़त हासिल की थी.

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यूनाइटेड लेफ्ट पैनल में आईसा, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) शामिल हैं. जेएनयूएसयू के केंद्रीय पैनल के लिए कुल 19 उम्मीदवार मैदान में थे. वहीं, स्कूल काउंसिलर के लिए 42 लोग किस्मत आजमा रहे थे. छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के शुक्रवार को हुए चुनाव में 73 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक है.

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