जेएनयू ने शोधपत्र जमा करने की समयसीमा बढ़ाई, PHD के साथ एमफिल-एमटेक छात्रों को फायदा

जेएनयू ने नौ अप्रैल को एक परिपत्र जारी कर घोषणा की कि एमफिल, एमटेक और पीएचडी विद्यार्थी अब इस साल के 31 दिसंबर तक अंतिम शोधपत्र जमा कर सकेंगे.

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JNU के PHD के साथ एमफिल-एमटेक छात्रों को फायदा मिलेगा
नई दिल्ली:

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने बृहस्पतिवार को एम फिल, एमटेक और पीएचडी विद्यार्थियों द्वारा शोधपत्र जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने पिछले साल दिसंबर में शोधार्थियों को शोध पत्र जमा करने की अवधि में छह महीने का विस्तार दिया था जो 30 जून 2021 को समाप्त हो रही थी.जेएनयू ने नौ अप्रैल को एक परिपत्र जारी कर घोषणा की कि एमफिल, एमटेक और पीएचडी विद्यार्थी अब इस साल के 31 दिसंबर तक अंतिम शोधपत्र जमा कर सकेंगे. विश्वविद्यालय ने ‘शोधपत्र को प्रकाशित करने और दो सम्मेलनों में प्रस्तुति देने संबंधी प्रमाण (जो भी लागू हो) देने की मियाद भी छह महीने बढ़ा दी है. हालांकि, एमफिल/पीएचडी छात्रवृत्ति की अवधि पुरानी ही रहेगी.

इससे पहले सरकार ने सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है, जबकि 12वीं की परीक्षाएं स्थगित की हैं. बोर्ड द्वारा 1 जून 2021 को स्थिति की समीक्षा की जाएगी और इसके आधार पर बाद में डिटेल साझा की जाएगी. परीक्षाओं की शुरुआत से कम से कम 15 दिन पहले नोटिस जारी कर दिया जाएगा.

वहीं देश भर के मेडिकल कॉलेजों में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पोस्टग्रेजुएट (NEET PG)  के लिए प्रवेश परीक्षा 18 अप्रैल को होनी है. लेकिन कोविड-19 के बेक़ाबू मामलों को देखते हुए देशभर से एक लाख 70 हज़ार डॉक्टर और मेडिकल छात्र इस परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं.

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नीट पीजी की परीक्षा देने वालों में से अधिकतर डॉक्टर इस वक़्त अस्पतालों में कोरोना के मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं. वहीं, दूसरी को परीक्षा आयोजित करने के लिए स्थिति भी अनुकूल नहीं है. ऐसे में 18 अप्रैल को होने वाली नीट पीजी परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवार परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं. 

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NEET-PG परीक्षा का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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