झारखंड में चल रहे सियासी उठापटक के बीच जेएमएम के कई विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया था. हालांकि पार्टी से लंबे समय से नाराज चल रहे विधायक लोबिन हेम्ब्रोम (Lobin Hembrom) हैदराबाद नहीं गए थे. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गयी थी. हेम्ब्रोम ने कहा कि मुझसे न तो पूछा गया और न ही मुझे इसकी कोई जानकारी है. उन्होंने कहा कि अगर हम एक हैं, तो हमें साथ रहना चाहिए.
लोबिन हेम्ब्रोम ने कहा कि उनकी मांग है कि चंपई सोरेन सरकार शराब पीने और बेचने पर प्रतिबंध लगाए. साथ ही उन्होंने PESA कानून को मजबूती के साथ लागू करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि विस्थापितों के लिए एक आयोग का भी गठन किया जाए. लोबिन हेम्ब्रोम ने कहा कि अगर इन मांगों को सरकार नहीं मानती है तो उनका आंदोलन सरकार के खिलाफ जारी रहेगा.
गौरतलब है कि लोबिन हेम्ब्रोम लंबे समय से हेमंत सोरेन की सरकार से नाराज चल रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन उनके भतीजे की तरह हैं. हेमंत सोरेन ने बहुत गलती नहीं की है लेकिन उनके कुछ सलाहकार सही नहीं हैं.
चंपाई सोरेन के समर्थक विधायक रांची पहुंचे
बताते चलें कि झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके गठबंधन में सहयोगी करीब 40 विधायक आज विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण में शामिल होने के लिए हैदराबाद से रांची लौटे. जेएमएम नेता चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद विधायकों को हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट में रखा गया था. पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम के सह-संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन कथित भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं.
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