"उन्हें संदेह था..." : जीतन राम मांझी का CM नीतीश कुमार पर कटाक्ष

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अब उनकी पार्टी न सिर्फ काम कर रही है बल्कि काफी तेजी से चल रही है."मैं नीतीश कुमार जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जब 2001 में हम अलग हुए और पार्टी बनाई तो उन्होंने संदेह जताया- 'जीतन मांझी से पार्टी चलेगी? ना पैसा है ना कुछ'. वह पार्टी कैसे चलाएंगे?

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि जब उनकी पार्टी (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) 2015 में अलग हो गई थी, तो उन्होंने संदेह जताया था कि वह बिना किसी फंड के पार्टी कैसे चलाएंगे.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अब उनकी पार्टी न सिर्फ काम कर रही है बल्कि काफी तेजी से चल रही है."मैं नीतीश कुमार जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जब 2001 में हम अलग हुए और पार्टी बनाई तो उन्होंने संदेह जताया- 'जीतन मांझी से पार्टी चलेगी? ना पैसा है ना कुछ'. वह पार्टी कैसे चलाएंगे? आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं हमारी पार्टी न केवल काम कर रही है बल्कि बहुत तेजी से चल रही है और आप लोग इसके पीछे हैं, इसलिए मैं आपको भी बधाई देता हूं.''

2015 के बिहार राजनीतिक संकट के दौरान जीतन राम मांझी ने 18 अन्य लोगों के साथ जनता दल (यूनाइटेड) से नाता तोड़ लिया और अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा बनाई. मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में HAM केंद्र और बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है. पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में मंत्री हैं.

इससे पहले, बिहार में पुल ढहने की घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार पर विपक्ष के हमले के बीच, मांझी ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि असामान्य रूप से भारी मानसूनी बारिश इन घटनाओं का मुख्य कारण थी. मांझी ने संवाददाताओं से कहा, "यह मानसून का समय है. असामान्य मात्रा में बारिश हुई है, जो पुलों के ढहने का कारण है. लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री जांच के प्रति बहुत संवेदनशील हैं."

हमारे व नीतीश कुमार के बीच नाराजगी नहीं

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के साथ रिश्तों को लेकर कहा कि उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनाया, जो मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान था. नीतीश कुमार के साथ रहने की हमने कसम खाई थी, लेकिन बाद के दिनों में उन्होंने ही मुझे अलग कर दिया. पर इसका कोई मलाल नहीं है. सियासत में घटनाक्रम चलता रहता है.

उन्होंने कहा कि अगर वह घटना न होती, तो आज जीतनराम मांझी आगे नहीं बढ़ पाता. जो कर्मवीर होता है, वह याद रखता है. पुरानी बातों को नजरअंदाज कर हम आज भी उनका सम्मान करते हैं. मैंने जो कहा, उन्होंने किया. उनके व हमारे बीच में नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है. घटनाक्रम चलता रहता है.

Advertisement


 

Featured Video Of The Day
Triple Murder In Delhi: ट्रिपल मर्डर से दहली दिल्ली, मां-बाप और बेटी की चाकू मारकर हत्या