- राज्यसभा में करीब छह घंटे की चर्चा के बाद 'जी राम जी बिल' विपक्ष के विरोध के बावजूद पारित कर दिया गया.
- विपक्ष ने बिल के खिलाफ नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट करते हुए बिल वापस लेने की मांग की.
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से बिल वापस लेने की अपील की और मनरेगा कानून की रक्षा की बात कही.
देर रात तक चली करीब छह घंटे की चर्चा के बाद राज्यसभा में 'जी राम जी' बिल पारित हो गया. लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष ने हंगामा किया और बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट किया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का भाषण खत्म होने के बाद जब ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान बहस का जवाब देने के लिए खड़े हुए तो विपक्षी सांसदों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्षी सांसदों ने 'काला कानून वापस लो, वापस लो' के नारे लगाए.
'ये कांग्रेस जिसके साथ जाती है वो डूब जाता है'
नारेबाजी पर नाराज शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मैंने ध्यान से सभी विपक्षी सांसदों की बात सुनी. लेकिन अपनी बात कहकर आरोप लगाकर भाग जाना ये भी ये बापू के आदर्शों की हत्या करना है. जवाब नहीं देने देना ये भी हिंसा है. मैं उम्मीद करता था कि खड़गे आज थोड़ी गंभीरता से बोलेंगे. इनसे मिलकर कौन चलेगा...ये कांग्रेस जिसके साथ जाती है वो डूब जाता है".
शिवराज सिंह चौहान के भाषण के दौरान भी विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी जारी रखा और बिल वापस लेने की मांग को लेकर वॉकआउट किया. मनरेगा कानून की जगह लाए गए नए बिल को डिफेंड करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा - "बापू हमारे आदर्श हैं, हमारे लिए प्रेरणा हैं. महात्मा गांधी के सामाजिक विचारों को हमने सम्मिलित करने का प्रयास किया है. कांग्रेस ने पहले महात्मा गांधी का नाम नरेगा में नहीं जोड़ा था. जब चुनाव आया 2009 में तब उन्होंने महात्मा गांधी का नाम जोड़ दिया".
इससे पहले "जी राम जी" बिल पर राज्यसभा में बहस में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा, "चौहान जी, फिर एक बार सोचिए. समय है अभी कानून वापस लेने का. समय है अभी...कई कानून सरकार ने वापस लिए. कोई धक्का लगा क्या सरकार को. आपने तीन काले कानून वापस लिए कृषि से जुड़े. आप अगर इस कानून को वापस वपस लिए तो आप हीरो बन जाएंगे. आप मामा की जगह मामाजी बन जायेंगे. मौजूदा मनरेगा कानून गरीबों से सम्बंधित कानून है, इससे छेड़ छाड़ करना ठीक नहीं है.
राज्यसभा में विधेयक पर छह घंटे से अधिक चर्चा हुई एवं मंत्री चौहान के जवाब के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. सदन ने इस विधेयक पर विपक्ष के कई सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधन प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया. विधेयक को लोकसभा ने इसे दिन में मंजूरी दी थी.
धरने पर बैठे विपक्षी दल के नेता
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद विपक्षी दल के नेता संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरने पर बैठे गए हैं. कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वीबी जी-राम जी बिल पर कहा, "आज का दिन इस देश के मजदूरों के लिए आजाद हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे दुखद दिन है. भाजपा सरकार ने मनरेगा कानून को खत्म कर 12 करोड़ों से अधिक मजदूरों की रोजी-रोटी पर घाव दिया है.














