झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूजा समितियों से की प्रदूषण मुक्त दुर्गा की मूर्तियों को विसर्जन की अपील

बोर्ड ने पूजा समितियों से मूर्ति बनाने के दौरान रसायन मिश्रित रंगों का इस्तेमाल नहीं करने तथा पर्यावरण अनुकूल रंग को बढ़ावा देने को कहा है, ताकि विसर्जन के बाद पानी प्रदूषित न हो.

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रांची:

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) ने नगर निकायों एवं पूजा समितियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि जलाशयों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए निर्धारित क्षेत्रों में दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाए. एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि बोर्ड ने उनसे पूजा सामग्री फेंकने के लिए सैनिटरी लैंडफिल का इस्तेमाल करने को भी कहा है. उसने प्रदूषणमुक्त दुर्गा पूजा सुनिश्चश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किये हैं.

बोर्ड ने पूजा समितियों से मूर्ति बनाने के दौरान रसायन मिश्रित रंगों का इस्तेमाल नहीं करने तथा पर्यावरण अनुकूल रंग को बढ़ावा देने को कहा है, ताकि विसर्जन के बाद पानी प्रदूषित न हो. बोर्ड ने उन्हें फूल, कपड़े, कागज जैसी पूजा सामग्रियां को पानी में नहीं फेंकने की सलाह दी है. दिशानिर्देश में कहा गया है कि उनका पुन: उपयोग किया जाए या उनसे कंपोस्ट बनाया जाए.

बोर्ड के सदस्य सचिव वाई के दास ने कहा, ‘‘हमने शहरी निकायों एवं स्थानीय प्रशासन को विसर्जन के बाद जलाशयों को प्रदूषित होने से रोकने के लिए दिशानिर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया है.'' झारखंड की राजधानी रांची और उसके आसपास हर साल करीब 200 पूजा पंडाल बनाए जाते हैं.

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