झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में सोमवार को होने वाले विश्वास मत से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक रविवार शाम को हैदराबाद से रांची पहुंचे. विधायक एक विशेष विमान से यहां बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर उतरे और उन्हें दो बसों में शहर के सर्किट हाउस ले जाया गया. झारखंड में चंपई सोरेन (Champai Soren) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार दो दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन सोमवार को विश्वास मत हासिल करेगी. सोरेन को दो फरवरी को राजभवन में राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने पद की शपथ दिलाई थी. उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन के शुक्रवार को शपथ लेने के बाद ही सत्ता पक्ष के विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया था. खराब मौसम के कारण गुरुवार की रात में उन्हें हैदराबाद नहीं भेजा जा सका था.
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 47 विधायक हैं और बहुमत का आंकड़ा 41 है. फिलहाल 43 विधायक चंपाई सोरेन का समर्थन कर रहे हैं.
बीजेपी के पास हैं 25 विधायक
बीजेपी के पास 25 विधायक हैं और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), यानी आजसू के पास तीन विधायक हैं. एनसीपी और एक वामपंथी दल के पास एक-एक विधायक है और तीन निर्दलीय विधायक हैं.
इस कारण से चिंतित है जेएमएम
सत्ता पक्ष के पास बहुमत से चंद विधायक ही अधिक होने के कारण जेएमएम की चिंता बढ़ गई है. हालांकि बुधवार की शाम को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से पहले सत्ता पक्ष के नेता इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है.
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