झारखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री एक्का और उनकी पत्नी की आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा बरकरार रखी

एक्का दंपति की अपील पर न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने 21 दिसंबर 2022 को मामले की सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. उच्च न्यायालय ने खुली अदालत में फैसला सुनाया कि वह निचली अदालत के फैसले को बरकरार रख रहा है.

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एक्का दंपति को पिछले साल 20.31 करोड़ रुपये के धनशोधन का दोषी करार दिया गया था.
रांची:

झारखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का की आय से अधिक मामले में मिली सजा को चुनौती देने के लिए दायर अपील शुक्रवार को खारिज कर दी. अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा. एक्का दंपति को पिछले साल 20.31 करोड़ रुपये के धनशोधन का दोषी करार दिया गया था और सात साल सश्रम कारावास और दो करोड़ जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.

एक्का दंपति की अपील पर न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने 21 दिसंबर 2022 को मामले की सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. उच्च न्यायालय ने खुली अदालत में फैसला सुनाया कि वह निचली अदालत के फैसले को बरकरार रख रहा है.

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गौरतलब है कि एनोस एक्का मधु कोडा सरकार में वर्ष 2006 से 2008 तक मंत्री थी और इससे पहले अदालत ने धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत 20,31,77,852 रुपये के धनशोधन मामले में उन्हें दोषी करार दिया था. प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड सतर्कता ब्यूरो द्वारा पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने के बाद पीएमएलए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.

सीबीआई ने इससे पूर्व एक्का, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ 17 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाया था जो कथित तौर पर कोडा सरकार में मंत्री रहने के दौरान अर्जित किया गया था.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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