हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार को आज विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करना है और इससे एक दिन पहले रविवार को सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों ने विशेष विधानसभा सत्र के लिए रणनीति तैयार करने के वास्ते अलग-अलग बैठकें कीं. जहां झामुमो, कांग्रेस और राजद विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का भरोसा जताया, वहीं विपक्षी भाजपा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह आसान नहीं होगा. एक विधायक ने बताया कि बहुमत परीक्षण के बाद सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार होना तय है.
पोरियाहाट से विधायक प्रदीप यादव ने रविवार को संवाददाताओं को बताया, 'बैठक के दौरान शक्ति परीक्षण और कैबिनेट विस्तार पर चर्चा हुई. विश्वास मत के बाद कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा.'
पर्याप्त संख्या बल का किया दावा
जेवीएम-पी के टिकट पर 2019 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए यादव ने दावा किया कि विश्वास मत जीतने के लिए सदन में उनके पास पर्याप्त संख्या बल है.
झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि पार्टी ने गठबंधन के सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने और शक्ति परीक्षण में भाग लेने का निर्देश दिया है.
आसान नहीं होगा विश्वास मत हासिल करना : भाजपा
दूसरी ओर, भाजपा ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए विश्वास मत हासिल करना आसान नहीं होगा.
पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन में अंदरूनी कलह है.
उन्होंने कहा, 'पार्टी ने सोमवार को शक्ति परीक्षण में भाग लेने का फैसला किया है. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह चर्चा सुनिश्चित करे और विपक्ष को बोलने की अनुमति दे.'
बाउरी ने कहा कि भाजपा चाहती है कि मुख्यमंत्री सदन में बताएं कि जब पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पहले से ही काम कर रहे थे, तो नई सरकार बनाने की क्या जरूरत थी.
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