झारखंड सरकार में विभागों का बंटवारा, शिबू सोरेन के छोटे बेटे को सड़क, भवन निर्माण और जल संसाधन की जिम्मेदारी

सत्यानंद भोक्ता को श्रम विभाग फिर से सौंपा गया है और उद्योग विभाग का कार्यभार भी दिया गया, जबकि बन्ना गुप्ता के पास स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्रालय कायम रहेगा.

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रांची:

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शुक्रवार को मंत्रियों को विभागों का आवंटन किया. सीएम ने आवंटित नहीं किए गए विभागों के अलावा गृह और कार्मिक जैसे प्रमुख विभाग अपने पास रखे. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) सुप्रीमो शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन के साथ दीपक बिरुआ 11 सदस्यीय मंत्रिमंडल में नए चेहरों में से हैं. बसंत को सड़क निर्माण, भवन निर्माण और जल संसाधन का कार्यभार दिया गया है.

बिरुआ को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी कल्याण और परिवहन मंत्रालय दिया गया है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में आबकारी मंत्री रहीं बेबी देवी को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग दिया गया. देवी ने अपने पति जगन्नाथ महतो की मृत्यु के बाद 2023 में डुमरी उपचुनाव लड़ा था.

रामेश्वर उरांव के विभाग में कोई बदलाव नहीं हुआ. उनके पास वित्त, योजना, वाणिज्यिक कर और खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी है. इसी तरह, आलमगीर आलम के पास ग्रामीण विकास, पंचायती राज और ग्रामीण कार्य विभाग कायम है.

सत्यानंद भोक्ता को श्रम विभाग फिर से सौंपा गया है और उद्योग विभाग का कार्यभार भी दिया गया, जबकि बन्ना गुप्ता के पास स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्रालय कायम रहेगा. बादल पत्रलेख कृषि एवं पशुपालन मंत्री बने रहेंगे. अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन, खेल और युवा मामले विभाग की जिम्मेदारी हफीजुल हसन को सौंपी गई है.

दो फरवरी को चंपई सोरेन (67) ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और राजद नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था. राज्य में 81 सदस्यीय विधानसभा में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के 47 विधायक हैं. इनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल का एक विधायक हैं.

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