झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी करने के मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ धनबाद की निचली अदालत में चल रहे मामले को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की पीठ ने तोमर के खिलाफ निचली अदालत की सभी कार्रवाई को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि ऐसा मामला चलाने के लिए न तो पर्याप्त साक्ष्य हैं और न ही उचित प्रक्रिया अपनाई गई. नरेंद्र सिंह तोमर पर राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के इस मामले में निचली अदालत की ओर से लिए गए संज्ञान के खिलाफ उच्च न्यायालय में क्वैशिंग (निरस्तीकरण) याचिका दाखिल की गई थी.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निचली अदालत ने नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ मामले का संज्ञान लेने के आदेश में स्पष्ट कारण नहीं बताया है. इसलिए उक्त आदेश को निरस्त किया जाता है.
नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र सिंह, रणधीर सिंह व सोमित्रो बोराई ने पक्ष रखा. इनकी ओर से कहा गया कि निचली अदालत ने बिना प्रक्रिया का पालन किए ही इस मामले में संज्ञान लिया है. नरेंद्र सिंह तोमर ने किसी सभा या सार्वजनिक मंच से राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी. बल्कि उन्होंने भाजपा के एक कार्यक्रम में अपनी बातें कही थीं. इसलिए निचली अदालत के इस मामले में संज्ञान को निरस्त कर देना चाहिए.
वर्ष 2016 में नरेंद्र सिंह तोमर धनबाद में भाजपा के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान कथित तौर पर उन्होंने नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में तुलना करते हुए विवादास्पद बयान दिया था. उनके इस बयान के खिलाफ धनबाद के कांग्रेसी नेता कलाम आजाद ने शिकायतवाद दर्ज कराया था. इस पर अदालत ने तोमर के खिलाफ संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किया था. इसे तोमर की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. पूर्व में उच्च न्यायालय ने नरेंद्र सिंह तोमर को अंतरिम राहत दी थी, लेकिन मंगलवार को इस पूरे मामले को ही खारिज कर दिया.