झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने आज झारखंड बंद बुलाया है. स्टूडेंट्स यूनियन राज्य में चल रही वर्तमान नियोजन नीति का विरोध कर रही है. छात्र संगठनों की मांग है कि 1932 आधारित खतियान नीति को लागू किया जाए. इस दौरान रांची में छात्रों पर लाठीचार्ज भी हुआ है. बंद के मद्देनज़र प्रशासन भी अलर्ट है. सभी ज़िलों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं. लेकिन राजधानी रांची के कई इलाकों में छात्र यूनियन के सदस्य बाज़ार बंद कराते देखे गए हैं.
झारखंड राज्य छात्र संघ (JSSU) के सदस्यों ने रांची के मोराबादी इलाके में सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. वे पास की सब्जी मंडी भी गए और दुकानदारों से अपनी दुकानें बंद करने को कहा. अन्य जिलों में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला, लेकिन सुबह के समय सामान्य जनजीवन अप्रभावित ही दिखा. राज्य भर में कई स्कूल बंद रहे, जबकि झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने निर्धारित परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य की राजधानी में करीब 2,500 सुरक्षाकर्मियों को बंद के आह्वान के मद्देनजर तैनात किया गया है.
बता दें कि सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 100 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर छात्र संगठन अपने 72 घंटे के आंदोलन कार्यक्रम के तहत सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. रांची में मंगलवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने मशाल जुलूस निकाला. उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था.
जेएसएसयू नेता देवेंद्र महतो ने कहा, "इस सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था, लेकिन राज्य के बाहर के छात्रों के लिए दरवाजा खोल दिया गया है, जिससे हमें बंद का आह्वान करना पड़ा." उन्होंने कहा कि 1932 की 'खतियान' (भूमि बंदोबस्त) आधारित भर्ती योजना को लागू करने के बजाय, यहां एक पुरानी रोजगार नीति को वापस लाया गया है, जिसके तहत 60 प्रतिशत सीटें वंचित छात्रों के लिए आरक्षित होंगी, जबकि 40 प्रतिशत सभी के लिए खुली होंगी.