उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना ने हर किसी का दिल दहला दिया है. इस दर्दनाक हादसे में 10 बच्चों ने अपनी जाव गवां दी है. प्रारंभिक जांच में सिस्टम की नाकामी सामने आई है. जांच में पता चला है कि अस्पताल में लगे अग्निशामक यंत्र चार साल पहले ही एक्सपायर हो चुके थे. लेकिन इन्हें बदला नहीं गया था. यहां तक की सुरक्षा अलार्म भी काम नहीं कर रहे थे. बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी.
याद दिलाए पुराने जख्म
पिछले कुछ सालों में देश के कई अस्पतालों में ऐसे हादसे हुए हैं. जहां अस्पताल में लगी आग के कारण मरीजों ने अपनी जान गवां दी. इन हादसों ने हर बार सिस्टम की पोल खोली है. दुख की बात है कि इन हादसों से कोई सबक नहीं लिया गया और सिस्टम की लापरवाही का सिलसिला अभी भी जारी है. जिसकी कीमत मासूमों की जान है.
कब-कब हुए ऐसे हादसे
2 फरवरी, 2010
हैदराबाद के सोमाजीगुडा के पार्क हेल्थकेयर अस्पताल में भीषण आग लगने से दो नर्सों समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि इस हादसे में 38 अन्य घायल हुए थे. जांच में पाया गया था कि अस्पताल में अग्नि सुरक्षा तंत्र मौजूद नहीं था. जिसके कारण आग पर काबू नहीं पाया जा सका और इतना बड़ा हादसा हो गया.
8 दिसंबर, 2016
विजयवाड़ा के सूर्यरावपेट के नक्कल रोड स्थित श्रीदेवी आई हॉस्पिटल के यूपीएस यूनिट में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी. इस आग की चपेट में आकर दवा, मशीनरी और फर्नीचर समेत करीब 12 लाख रुपये की संपत्ति जल गई. इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ था.
2 जनवरी, 2017
विजयवाड़ा के सेंटिनी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूपीएस रूम में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी. जिसके कारण लोग इमारत के अंदर फंस गए थे. धुआं बाहर निकालने के लिए शीशों को तोड़ा गया था और करीब 50 मरीजों को बाहर निकाला गया था. इस घटना में लाखों का नुकसान हुआ था.
3 मई, 2018
गुंटूर सरकारी अस्पताल में ICU में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी. घटना के समय करीब 12 मरीजों का इलाज किया जा रहा. अस्पताल के स्टाफ ने समय रहते आग बुझा दी थी और मरीजों का जान बचाई थी. इस हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ था.
27 सितंबर, 2018
उत्तरी तेलंगाना के एमजीएम अस्पताल के एनआईसीयू वार्ड में अचानक से आग लग गई थी. वार्ड के अंदर करीब 23 नवजात शिशु थे. आग लगने के बाद एसी से धुआं निकलने लगा, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई. तुरंत नवजात शिशुओं को वार्ड से बाहर निकाला गया था. इस हादसे में 23 बच्चे बाल-बाल बच गए थे.
8 अगस्त, 2019
साल 2019 में हैदराबाद के गांधी अस्पताल की तीसरी मंजिल पर स्थित पोस्ट-ऑपरेटिव पीडियाट्रिक वार्ड में आग लग गई थी. इस हादसे में पूरा वार्ड जल गया था. इस हादसे में कोई भी घायल नहीं हुआ था. हालांकि संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था.
मई, 2024
इसी साल मई महीने में दिल्ली के विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में आग लग गई थी. इस हादसे में सात नवजात बच्चे जलकर मर गए थे. घटना के वक्त 12 बच्चे अस्पातल में एडमिट थे.