नोएडा के जेवर में बन रहा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए प्रदेश सरकार मेट्रो, रेल और सड़क कनेक्टिविटी देने जा रही है. इन माध्यमों से राजधानी दिल्ली समेत प्रदेश या देश के किसी भी हिस्से से नोएडा एयरपोर्ट पहुंचना आसान हो जाएगा. यात्रियों की सुविधा के लिए उठाए जा रहे इस कदम को लेकर लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. मेट्रो लाइन को ग्रेटर नोएडा से नोएडा तक विस्तारित किया जाएगा. वहीं, दिल्ली से हाई स्पीड रेल लिंक के लिए डीपीआर भी अप्रूवल स्टेज पर है.
इसके तहत नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल पर एक रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है, जिससे महज 21 मिनट में दिल्ली पहुंचा जा सकेगा. इसके अलावा एयरपोर्ट के नार्थ और ईस्ट एरिया को रोड कनेक्टिविटी भी प्रदान की जा रही है. उल्लेखनीय है कि ओइड के जेवर में बन रहे इस एयरपोर्ट को 4 चरण में पूरा किया जाना है. इन 4 चरणों मे 1334 हेक्टेयर पर एयरपोर्ट का विकास होगा. इसमें 2 रनवे बनाए जाने का प्रस्ताव है. पहले चरण का काम 2024 में पूरा होने की संभावना है. पहले चरण की प्रस्तावित लागत 5730 करोड़ रुपए है.
बीते दिनों मुख्य सचिव के सामने नोएडा एयरपोर्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट को साझा किया गया. रिपोर्ट में बताया गया कि नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल स्टेशन को मेट्रो पैसेंजर टर्मिनल से लिंक किया जाएगा. यीडा और डीएमआरसी ने डीपीआर और फीजिबिलिटी रिपोर्ट अगस्त 2022 में ही तैयार कर ली है. ग्रेटर नोएडा से ओइड एयरपोर्ट तक ट्रैफिक रिपोर्ट का अपडेट भी 16 जून को अप्रूवल को भेजा जा चुका है.
वहीं, यहां रेलवे नेटवर्क बिछाए जाने की भी तैयारी जोरों से हो रही है. प्रदेश सरकार की मांग पर नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड इस पर काम कर रही है. इसके तहत नोएडा एयरपोर्ट पर रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा. हालांकि इसका अप्रूवल अभी पेंडिंग है.
सड़क के जरिए एयरपोर्ट तक यात्री आसानी से पहुंच सकें, इसकी भी तैयारी है. विभिन्न सर्विस रोड के अलावा विभिन्न दिशाओं से रोड के जरिये एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा. ईस्ट रोड के जरिये जहां ये जेवर खुर्जा रोड से कनेक्ट होगा तो वहीं यमुना एक्सप्रेस-वे से इसे जोड़ने के लिए टेंडर पास हो चुका है और वर्क ऑर्डर भी जारी किया जा चुका है.
बल्लभगढ़ के रास्ते इसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से भी जोड़ने की तैयारी है. इसके लिए प्रदेश सरकार जमीन के अधिग्रहण पर 260 करोड़ रुपये खर्च करेगी. साथ ही सरकार एनएचएआई को 8.5 किमी का लिंक रोड बनाने के लिए जमीन फ्री ऑफ कॉस्ट उपलब्ध कराएगी. एयर कार्गो व अन्य औद्योगिक ट्रैफिक के लिए पूर्व दिशा की ओर रोड का निर्माण हो चुका है.