गौतमबुद्ध नगर के जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास समारोह के दौरान एक बार फिर जिन्ना विवाद देखने को मिला. मौका भले ही जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास का था, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के खिलाफ आलोचना करने से नहीं चूके. यूपी विधानसभा चुनाव में सभी सियासी दल जीत के लिए दाव-पेंच लगा रहे हैं.
अपने विरोधी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणियों का खंडन करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि देश को राज्य में "गन्ने की मिठास" या "जिन्ना के अनुयायियों" के बीच चयन करना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, "कुछ लोगों ने उत्तर प्रदेश के गन्ना क्षेत्र (पश्चिमी हिस्सों) में दंगे भड़का कर कड़वाहट पैदा करने की कोशिश की थी. अब देश को तय करना है कि गन्ने की मिठास बढ़ेगी या जिन्ना के अनुयायी शरारत करेंगे."
समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले महीने जिन्ना को महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू के साथ जोड़ते हुए कहा था कि इन सभी ने भारत को आजादी दिलाने में मदद की.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्थान में पढ़े और बैरिस्टर बने. वे बैरिस्टर बने और उन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. वे कभी किसी संघर्ष से पीछे नहीं हटे."
अखिलेश की टिप्पणी पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. योगी आदित्यनाथ ने इसे "शर्मनाक" और "तालिबानी मानसिकता" का संकेत बताया था.
सीएम योगी ने कहा था, "समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कल जिन्ना की तुलना सरदार वल्लभभाई पटेल से की. यह शर्मनाक है. यह तालिबानी मानसिकता है जो विभाजित करने में विश्वास करती है. सरदार पटेल ने देश को एकजुट किया. वर्तमान में पीएम (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के नेतृत्व में 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत (एक भारत, सर्वश्रेष्ठ भारत)' को हासिल करने का काम चल रहा है.''