प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी के सदस्य रिज़वान कादरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर जवाहरलाल नेहरू से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेज़ों के '51 डिब्बे' लौटाने की अपील की है. बीजेपी की तरफ से इस मुद्दे को सोमवार को संसद में उठाया गया. रिज़वान कादरी ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि ये दस्तावेज बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा है कि 2008 में यूपीए सरकार के दौरान, नेहरू के निजी पत्रों को 51 डिब्बों में भरकर सोनिया गांधी के पास भेजा गया था। ये पत्र नेहरू द्वारा एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत जैसे प्रमुख व्यक्तियों को लिखे गए थे.
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने क्या कहा?
भारतीय जनता पार्टी के सांसद संबित पात्रा ने सोमवार को लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि संस्कृति मंत्रालय इस मुद्दे की जांच कर देश के प्रथम प्रधानमंत्री के पत्रों को वापस लाए. उन्होंने कहा कि ये सभी दस्तावेज हमारे राष्ट्र को समर्पित हैं. पात्रा ने कहा कि मेरी मांग है कि संस्कृति मंत्रालय इस बात की सत्यता की जांच करें.
यह सार्वजनिक प्रॉपर्टी है, छुपाने की क्या जरूरत है- रवि किशन
एनडीटीवी से बात करते हुए बीजेपी के एक अन्य सांसद रवि किशन ने कहा कि देश की जनता को जानने का पूरा अधिकार है कि वो जाने कि आव उस समय क्या करते थे. देश जानना चाहता है कि उस समय किस तरह के पत्राचार होते थे. जब भी कोई प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठता है तो उससे जुड़ी चीजें देश की हो जाती है.
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