Video : पीएम मोदी के भाषण के दौरान खाली रहीं कुर्सियां, BJP ने किया ढाई लाख की भीड़ जुटने का दावा

जनजातीय गौरव दिवस पर 23 करोड़ रुपये की रकम खर्च की गई, इसमें से 13 करोड़ रुपये तो महज लोगों को यहां लाने के लिए परिवहन, रहने खाने-पीने की व्यवस्था, पर खर्च किए गए. जबकि 10 करोड़ रुपये के करीब साज सजावट औऱ अन्य कार्यक्रम पर खर्च किए गए.

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जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम मोदी ने भोपाल में महासम्मेलन को संबोधित किया

भोपाल:

भोपाल के जम्हूरीबाग मैदान में जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आगमन को लेकर बीजेपी की ओर से दावा किया गया कि इसमें ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने शिरकत की. बीजेपी (BJP) का कहना है कि इसमें मध्य प्रदेश के 52 जिलों के अलग-अलग इलाकों से आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए. हालांकि हकीकत कुछ औऱ ही बयां करती नजर आई. जनसभा स्थल पर बहुत सारी कुर्सियां खाली नजर आईं. पीएम मोदी को जो बहुत सारे लोग सुनने आए थे वो बीच में ही बाहर जाते नजर आए. मंच से पीएम मोदी के भाषण के दौरान भी ऐसा ही नजारा दिखा.

बीजेपी सरकार का एक ओर दावा है कि वो आदिवासियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लेकर आई हैं, जिससे लाखों की संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं. हालांकि जनसभा स्थल पर खाली कुर्सियां पार्टी के लिए चिंता पैदा करने वाली हैं. रैली स्थल के सबसे पीछे की ओर कुर्सियां आखिरी वक्त तक नहीं भर सकी थीं. वहीं दावा किया गया था कि इस कार्यक्रम के आयोजन पर 23 करोड़ रुपये की रकम खर्च की गई, इसमें से 13 करोड़ रुपये तो महज लोगों को यहां लाने के लिए परिवहन, रहने खाने-पीने की व्यवस्था, पर खर्च किए गए. जबकि 10 करोड़ रुपये के करीब साज सजावट औऱ अन्य कार्यक्रम पर खर्च किए गए.

बीजेपी ने हाल ही में आदिवासी बाहुल्य जोबट सीट कांग्रेस से छीनी है, लेकिन 2008 से 2018 के बीच आंकड़ों की बात करें तो आदिवासी समुदाय के बीच पार्टी के वोट प्रतिशत में गिरावट आई है. साथ ही सीटों की संख्या भी 31 से घटकर 18 रह गई है. बीजेपी इस वोट बैंक को दोबारा मजबूत करने की भरसक कोशिश में जुटी है. 

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पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती पर भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए, पूरे जनजातीय समाज के लिए गौरव का दिन है. आज भारत अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है. पीएम ने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आबादी का 10% होने के बावजूद दशकों तक आदिवासी समाज को, उनकी संस्कृति, उनकी ताकत नजरअंदाज किया गया. पीएम मोदी ने पहले पीपीपी मॉडल पर बने रानी कमलापति स्टेशन को समर्पित किया.

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3 दिन पहले 'हबीबगंज स्टेशन' का नाम बदलकर रानी कमलापति पर रखा गया है. प्रधानमंत्री के 2 घंटे के दौरे के लिए राज्य सरकार ने 23 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने को लेकर भी आलोचना की गई है. मंच से दावा किया गया कि लगभग ढाई लाख आदिवासी मध्य प्रदेश के कोने-कोने से यहां आए हैं लेकिन पीएम मोदी के भाषण के दौरान भी कुर्सियां खाली रहीं, लोग पंडाल से जाते भी दिखे,

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