त्रेता युग के बाद पहली बार जनकपुर में अयोध्या से आ रही श्री राम की बारात को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इस खास मौके लिए मिथिला चित्रकार सुनैना बारात के स्वागत मे मिथिला पेंटिंग से पूरा जनकपुर सजा रही है. त्रेता युग में भी मिथिला पेंटिंग बनाया गई थी, जो भगवान श्री राम को सबसे ज्यादा अच्छा लगी थी और तभी से यहां की महिलाएं मिथिला पेंटिंग करती आ रही है और पिछले वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या मे श्री राम लला के विराजमान होने के पहली बार अयोध्या से बारात जनकपुर आ रही है.
मिथिला पेंटिंग से होगा बारात का स्वागत
श्री राम लाल पालकी में सवार होकर जनकपुर आ रहे हैं और त्रेता युग के रिवाज को फिर से दोहराने के लिए मितलानी चित्रकार सुनैना ने जनकपुर के जानकी मंदिर में अपनी मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई है. साथ ही सीता राम स्वयंवर और कोहबर की पेंटिंग अपने हाथों बना रही है, ताकि बारात का स्वागत विभिन्न रंगों से सजे धजे मिथिला पेंटिंग से किया जाए. इस सीता राम विवाह को त्रेता युग के विवाह का अनुभव दिलाया जाए.
चित्रकार सुनैना कैसे इस मौके को बना रही खास
महज इतना ही नहीं बल्कि इस लम्हें को यादगार बनाने के लिए चित्रकार सुनैना जनकपुर के दीवारों पर भी मिथिला पेंटिंग बनवा रही हैं. जिसमें जनकपुर की मिथिलानी महिलाएं भी शामिल हैं. बारात के स्वागत मे जनकपुर की दिवारे मिथिला पेंटिंग से सजा रहेगा. सुनैना ने त्रेता युग के विवाह को फिर से दोहराने की प्राण ठान कर पूरे जनकपुर को मिथिला पेंटिंग से सजाने की कम कर रही है.
राम की बारात का पूरा कार्यक्रम
अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर संग एक नया अध्याय 6 दिसंबर को जुड़ने जा रहा है. 26 नवंबर को अयोध्या से पहली बार 500 से अधिक की संख्या में बराती राजा राम के ससुराल के लिए प्रस्थान करेंगे. अयोध्या, आजमगढ़, बिहार के बक्सर, पटना, मुजफ्फरपुर के कांटी, सीतामढ़ी, बेनीपट्टी, मधवापुर होते हुए 2 दिसंबर को मटियानी नेपाल के बॉर्डर में प्रवेश करेंगे. यहां से 3 दिसंबर को जनकपुरधाम बरात पहुंचेगी. 4, 5, 6 और 7 तक नेपाल में रहने के पश्चात बराती 8 दिसंबर की सुबह जनकपुरधाम से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे.