झारखंड: जामताड़ा में अज्ञात बीमारी से जनजाति समुदाय के 8 लोगों की मौत, बाबूलाल मरांडी ने CM पर साधा निशाना

अस्पतालों में मरीजों को समय पर इलाज न मिलने से आदिवासी समुदाय के लोगों की मौत की कुछ अन्य घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं को लेकर झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
रांची:

झारखंड के जामताड़ा जिले के नेंगराटांड गांव में फैली अज्ञात बीमारी से 22 दिनों के अंदर आदिम पहाड़िया जनजाति के आठ लोगों की मौत हो गई है, जबकि अब भी गांव में 10 से ज्यादा लोग बीमार हैं.

अस्पतालों में मरीजों को समय पर इलाज न मिलने से आदिवासी समुदाय के लोगों की मौत की कुछ अन्य घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं को लेकर झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

बाबूलाल मरांडी ने इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इन घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच कराने की भी मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "झारखंड में आदिवासी समाज के भाइयों-बहनों को इलाज न मिल पाने के कारण तड़प-तड़प कर मरते देखना असहनीय है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आदिवासी समाज से मुंह फेर लिया है. जिस आदिवासी समाज ने अपना समर्थन देकर हेमंत को सत्ता तक पहुंचाया, आज वही हेमंत सोरेन राजनीतिक समीकरण के जोड़ तोड़ में आदिवासियों की बलि चढ़ा रहे हैं."

Advertisement
Advertisement

उन्होंने सीएम को लिखे पत्र में हाल की घटनाओं का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि हाल में साहिबगंज सदर अस्पताल में सिमरिया गांव निवासी आदिम पहाड़िया जनजाति के मथियम मालतो अपनी छह साल की बेटी गोमती पहाड़िन के इलाज के लिए पहुंचे थे. वह डॉक्टरों की तलाश में इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक भागते रहे, परंतु कहीं भी डॉक्टर नहीं मिले, जिसके कारण पिता की गोद में ही बच्ची ने दम तोड़ दिया.

Advertisement

ऐसी ही घटना दुमका जिले के गोपीकांदर प्रखंड के कुंडा पहाड़ी गांव में हुई, जहां पहाड़िया जनजाति की 19 वर्षीय गर्भवती महिला प्रिंसिका महारानी समय पर एंबुलेंस न मिलने से अस्पताल नहीं पहुंच पाई और इलाज के अभाव में उसकी जान चली गई. इसी तरह जामताड़ा जिले के करमाटांड़ प्रखंड के नेंगराटांड गांव में इलाज के अभाव में आदिम पहाड़िया जनजाति के आठ लोगों की मौत हो गई है.

Advertisement

बाबूलाल मरांडी ने पत्र में कहा है कि आदिम पहाड़िया जनजाति पहले ही अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है. आए दिन ज्ञात-अज्ञात बीमारियों से इस जनजाति के लोगों की जान जा रही है. आदिवासी समाज के ऊपर आई इस विपत्ति की घड़ी में भी राज्य सरकार की ओर से बेहतर इलाज और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन करने की कोई पहल नहीं की गई है.

उन्होंने लिखा कि झारखंड का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह लूट-खसोट में लिप्त है और पैसे लेकर डॉक्टरों को मनचाही पोस्टिंग देकर स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रही है. दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों का पदस्थापन नहीं रहने के कारण मरीज इलाज नहीं करा पा रहे हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
PAK में समुद्र से आग बरसाएगा भारत, Indian Navy को मिलेगी ये घातक मशीन | Pahalgam Terror Attack
Topics mentioned in this article