कश्मीर (Kashmir) में पिछले 31 वर्षों में आतंकी हिंसा (Terrorist Violence) में कुल 1724 लोग मारे गए हैं. इनमें से कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) सिर्फ 5 फीसदी हैं, जबकि 95 फीसदी मुस्लिम और अन्य लोग मारे गए हैं. कश्मीर से पलायन करने वाले कुल 154,161 लोगों में 88 फीसदी सिर्फ कश्मीरी पंडित हैं और शेष 12 फीसदी अन्य लोग हैं.
हरियाणा के पानीपत निवासी और सूचना का अधिकार (RTI) एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने इस अधिकार का उपयोग करते हुए डीएसपी (हेड क्वार्टर) कश्मीर से गत 27 नवम्बर को प्राप्त सूचना के आधार पर चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि वर्ष 1990 से कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने के समय से पिछले 31 वर्षों में आतंकवादियों के हाथों कुल 1724 व्यक्ति मारे गए हैं. इनमें से कुल 5% यानी कुल 89 कश्मीरी पंडित मारे गए हैं, जबकि आतंकवादियों के हाथों कुल मरने वालों में से 95% यानि 1635 व्यक्ति अन्य धर्म के लोग मारे गए हैं.
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कपूर ने बताया कि इसी तरह राज्य से पलायन करने वाले कुल 1,54,161 लोगों मे से सर्वाधिक कुल 1,35,426 यानी 88 परसेंट कश्मीरी पंडितों ने पलायन किया है. पलायन करने वालों में अन्य की संख्या मात्र 12 परसेंट है, जिनमें मुख्यतः मुस्लिम शामिल हैं. कपूर ने बताया कि पलायन के बाद घर वापसी करने वाले कश्मीरी पंडितों व अन्य की संख्या की सूचना डिविज़नल कमिश्नर कश्मीर ने नहीं दी.
किस समुदाय से कितना पलायन:
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कहा कि मोदी सरकार ने पलायन शुदा कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की सूचना नहीं दी है. कपूर ने रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन कमिश्नर जम्मू कार्यालय से आरटीआई में प्राप्त सूचना के आधार पर बताया कि पिछले 31 वर्षों में कुल पलायन शुदा 1,54,161 व्यक्तियों में से 1,35,426 हिंदुओं, 18735 मुस्लिमों ने पलायन किया. इनमें से 53978 हिंदुओं , 11212 मुस्लिमों, 5013 सिखों और 15 अन्य को सरकारी सहायता मिल रही है जबकि 81448 हिंदू, 949 मुस्लिम, 1542 सिक्ख और 4 अन्य सहित कुल 83,943 व्यक्ति सरकारी सहायता से वंचित हैं.
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कश्मीरी प्रवासियों को सहायता:
हर रजिस्टर्ड कश्मीरी प्रवासी को सरकार की ओर से हर महीने 3250 रुपये, 9 किलो चावल, 2 किलो आटा और एक किलो चीनी की सहायता मिलती है.
पिछले 10 वर्षों में खर्च धन राशि:
भारत सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में (वर्ष 2010-2011 से 2020-2021 तक) सभी पलायन शुदा कश्मीरियों पर कुल करीब 5476.58 करोड रुपये खर्च किये गए हैं. इनमें से 1887.43 करोड़ रु नगद सहायता, 2100 करोड़ रु खाद्यान्न, 20.25 करोड़ रु इंफ्रास्ट्रक्चर, 82.39 करोड़ रु नागरिक गतिविधियां कार्यक्रम, 106.42 करोड़ रु सहायता एवं पुनर्वास, 1156.22 करोड़ रु पीएम सैलरी पैकेज, 123.87 करोड़ रुपये का दस प्रतिशत सरकारी एनपीएस का हिस्सा शामिल है.