जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) की अध्यक्षता में श्रीनगर में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में स्कूलों, सड़कों और इमारतों के नामकरण उन लोगों के नाम पर करने की मंजूरी दी गई, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी. "आज़ादी का अमृत महोत्सव" समारोह के तहत सरकार ऐसी हस्तियों के नाम पर प्रमुख जगहों का नामाकरण करेगी.
बैठक में उप राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान और राजीव राय भटनागर, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ अरुण कुमार मेहता और उप राज्यपाल के प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार ने भाग लिया.
जम्मू और कश्मीर सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, "केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा और विकास में असाधारण योगदान के लिए और उनके सम्मान की स्वीकृति के प्रतीक के रूप में, पहचाने गए बुनियादी ढांचों का नाम उन लोगों के नाम पर रखा जाएगा, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपनी जान गंवा दी या जम्मू-कश्मीर के जीवित दिग्गज हैं.”
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आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत प्रगतिशील भारत के 75 साल के गौरवशाली इतिहास, समृद्ध संस्कृति और उपलब्धियों को देशभर में मनाया जाना है.
यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि जिनमें अपने भीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 विजन को साकार करने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है.
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आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के बारे में जो कुछ भी प्रगतिशील है, उसका एक अवतार है. "आज़ादी का अमृत महोत्सव" की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को शुरू हुई, जो हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ 15 अगस्त, 2023 को समाप्त होगी.
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