कश्मीर मुद्दे को वैश्विक मंच पर ले जाने में सफल रहा पाकिस्तान: NDTV से बोले उमर अब्दुल्ला

Omar Abdullah News: उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमले ने अर्थव्यवस्था और कूटनीति दोनों के मामले में सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इसने राज्य के पर्यटन उघोग को बड़ा झटका दिया, जो लंबे समय के बाद ठीक हुआ था.

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Omar Abdullah Exclusive Interview: पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान संघर्ष का सबसे बड़ा जख्म जम्मू-कश्मीर ने झेला है. धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर के टूरिज्म इंड्रस्टी को गहरा आघात लगा. सीमाई इलाकों में हुई भारी गोलीबारी में जम्मू कश्मीर के करीब दो दर्जन लोगों की मौत हुई. दर्जनों घर तबाह हो गए. कई गांव के लोग अभी भी विस्थापित जीवन जीने को विवश है. इन सब विपरित परिस्थितियों से उबरने में कश्मीर लंबा समय लगेगा. रविवार को पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपना पहला इंटरव्यू NDTV को दिया, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों पर चिंता जताई.

सालों की मेहनत पर पानी फेर दियाः उमर अबदुल्ला

इस खास बातचीत के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा- पहलगाम हमले ने अर्थव्यवस्था और कूटनीति दोनों के मामले में सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. इसने राज्य के पर्यटन उघोग को झटका दिया, जो लंबे समय के बाद ठीक हुआ था. साथ ही दुर्भाग्य से इस घटना ने पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे को फिर से विश्व पटल पर ले जाने का मौका दे दिया है.ं

हम एक ऐसी जगह पर हैं जहां खून-खराबा, दुख-तकलीफें हैंः उमर

NDTV से खास बातचीत में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों पर चिंता जताते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा,"हम ऐसी जगह पर हैं, जहां हमने कभी सोचा भी नहीं था. हम ऐसी जगह पर हैं, जहां खून-खराबा, दुख-तकलीफें हैं. भारी उथल-पुथल है... सब कुछ बदल गया है. और फिर भी कुछ मायनों में कुछ भी नहीं बदला है."

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सैलानियों की चहल-पहल के बदले घाटी में सन्नाटा

यह पूछे जाने पर कि यह बदलाव किस प्रकार का है? उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस समय हमारे यहां सैलानियों की भीड़ होनी चाहिए थी, अर्थव्यवस्था में तेजी आनी चाहिए थी, बच्चों को स्कूल जाना चाहिए था, हवाईअड्डों पर प्रतिदिन 50-60 उड़ानें होनी चाहिए थीं. लेकिन अब घाटी खाली हो गई है, स्कूल बंद करने पड़े हैं, हवाई अड्डे बंद कर दिए गए हैं.

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'दुर्भाग्य से पाकिस्तान कश्मीर को इंटरनेशनल फोरम पर ले जाने में सफल रहा'

जम्मू कश्मीर के सीएम ने आगे कहा कि फिर भी जब मैं कहता हूं कि कुछ भी नहीं बदला है तो इसका मतलब पाकिस्तान से है. इस घटना के बाद दुर्भाग्य पाकिस्तान को एक बार फिर जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को इंटरनेशनल फोरम पर ले जाने में कामयाबी मिली. उन्होंने कहा, हम सभी ने देखा कि अमेरिका कैसे मध्यस्थ की भूमिका में खुद को शामिल करने के लिए उत्सुक है.

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उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में अन्य कठिनाइयों के बावजूद पिछले कुछ समय से जो सीजफायर कायम था, वह टूट गया. हम देखना चाहते हैं कि आज रात क्या होता है?" पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू कश्मीर के सीएम ने कहा कि तीन सप्ताह पहले यहां सैलानियों का हलचल था. पहलगाम पर्यटकों से भरा था, लेकिन फिर वह भयानक नरसंहार हुआ.

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22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तेजी से बदली चीजें

22 अप्रैल को आतंकवादियों ने कश्मीर के खूबसूरत बैसरन मैदान पर हमला किया और धार्मिक पहचान के आधार पर 26 लोगों को गोली मार दी. इनमें से 25 लोग पर्यटक थे, जिनमें से एक स्थानीय व्यक्ति था - एक टट्टूवाला जो पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहा था.

इस घटना के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ स्थानों पर आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया.  इसके अगले दिन पाकिस्तान ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तोपखाने की फायरिंग के साथ ड्रोन और मिसाइल से हमला किया.

हालांकि चार दिनों तक चले भीषण तनाव के बाद पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए. अब देखना हो कि सीमा पर शांति, आतंक पर लगाम का यह दौर आगे भी बना रहता है या नहीं.

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