जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Assembly Elections 2024) की घोषणा के बाद से राजनीतिक पार्टियां अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हैं. कांग्रेस (Congress) और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference)के चीफ और पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah)के आवास पर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मुलाकात के बाद इसका ऐलान किया गया. गृहमंत्री अमित शाह ने इस गठबंधन को लेकर राहुल गांधी पर करारा हमला किया है. अमित शाह ने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से 10 सवाल भी किए हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, "सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस' के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है."
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा-पत्र के वादों पर कांग्रेस और राहुल गांधी से 10 सवाल किए हैं:-
1) क्या कांग्रेस ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस' के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे' के वादे का समर्थन करती है?
2) क्या राहुल गांधी और कांग्रेस आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35A को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के JKNC के निर्णय का समर्थन करती है?
3) क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
4) क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, पाकिस्तान के साथ ‘LoC ट्रेड' शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं?
5) क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?
6) इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरासामने आया है. क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के JKNC के वादे के साथ है?
7) क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत' ‘तख़्त-ए-सुलिमान' और ‘हरि पर्वत' ‘कोह-ए-मारन' के नाम से जाने जाएं?
8) क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है?
9) क्या कांग्रेस पार्टी JKNC के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है?
10) क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की JKNC की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं?
गठबंधन पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला और राहुल गांधी?
कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "90 सीटों को लेकर बातचीत फाइनल हो गई है. हम मिलकर लड़ेंगे. सीट शेयरिंग फॉर्मूला बाद में तय किया जाएगा. फर्स्ट फेज की वोटिंग से पहले सब सामने आ जाएगा."
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "हम सभी के लिए राज्य का दर्जा बहुत महत्वपूर्ण है. यह हमसे वादा किया गया है. इस राज्य ने बुरे दिन देखे हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. इसके लिए हम INDIA अलायंस के साथ हैं."
मेरा खून का रिश्ता- राहुल गांधी
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, "जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करना और इसे वापस राज्य का दर्जा दिलाना सबसे जरूरी है. यहां से मेरा खून का रिश्ता है. ऐसे में उम्मीद है कि चुनाव में लोग हमारा साथ जरूर देंगे."
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे चुनाव
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे. अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा. यहां की 90 विधानसभा सीटों पर 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. जबकि हरियाणा की 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी. दोनों राज्यों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे.
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जम्मू-कश्मीर से कब हटा आर्टिकल 370?
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया था. इसके बाद से यहां LG मनोज सिन्हा प्रशासक हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था. चुनाव के बाद नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल का होगा.
2014 में हुए विधानसभा चुनाव में किसको मिली कितनी सीटें?
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 को विधानसभा के चुनाव हुए थे. तब 87 सीटें थीं. बहुमत का आंकड़ा 44 था. चुनाव में महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP ने 28 सीटें हासिल की थीं. उसका वोट शेयर 22.67% था. BJP ने 25 सीटें जीतीं. वोट शेयर 22.98% रहा. नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें मिली. कांग्रेस के खाते में 12 सीटें आई थीं. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को 2 सीटें मिली. CPI(M) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 1-1 सीटें जीती. जबकि 3 सीट निर्दलीय के हिस्से गई थी.
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