जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने आतंकवादियों द्वारा सिम कार्ड के दुरुपयोग के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत मंगलवार को कुपवाड़ा जिले में एक सिम कार्ड विक्रेता के खिलाफ मामला दर्ज किया है. वहीं पहचानपत्रों की चोरी और दस्तावेजों की जालसाजी करके सिम कार्ड जारी करने को लेकर 1,000 से अधिक विक्रेता जांच के दायरे में हैं. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. अधिकारी ने कहा कि 'भट टेलीकॉम' के मालिक जाविद अहमद भट के गुगलूसा के मोहल्ला गुनवारी स्थित दो परिसरों की तलाशी ली गई.
भट टेलीकॉम का मालिक उस साजिश का हिस्सा था. जिसे ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू), आतंकवादी संगठनों से सहानुभूति रखने वालों और उन मादक पदार्थ तस्करों के साथ मिलकर रचा गया था. जो कपटपूर्ण तरीकों का इस्तेमाल करके विभिन्न दूरसंचार कंपनियों के सिम कार्ड तैयार करने और बेचने में शामिल थे.
अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया सबूतों से पता चलता है कि रिकॉर्ड में जालसाजी की गई जिसमें एक ही व्यक्ति की तस्वीरों का इस्तेमाल अलग-अलग नाम और पहचान वाले कई सिम कार्ड तैयार करने के लिए किया गया.
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस बात की जांच की जा रही है कि क्या सिम कार्ड हासिल करने के लिए जरूरी दस्तावेजों को जाली बनाने के लिए यही एकमात्र तरीका है या अन्य तरीके और साधन भी अपनाए गए हैं.''
उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है कि धोखाधड़ी से तैयार किए गए इन सिम कार्ड का इस्तेमाल किन व्यक्तियों ने किया है और उनमें से कितने का इस्तेमाल आतंकवादियों, उनके सहयोगियों, मादक पदार्थ तस्करों, हथियार और गोला-बारूद के तस्करों और उन लोगों द्वारा किया गया है जो आतंकी वित्तपोषण से जुड़े हैं.
अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरण, सिम कार्ड, एसडी कार्ड, कॉम्पैक्ट डिस्क, बैंक लेनदेन पर्ची और जांच से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए और जब्त किए गए गए हैं. उन्होंने कहा कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) भी जम्मू-कश्मीर के विभिन्न पुलिस थानों द्वारा 14,000 सिम कार्डों से संबंधित इसी तरह की जांच का समन्वय कर रहा है, जो पहचानपत्रों की चोरी और रिकॉर्ड की जालसाजी करके जारी किए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 28,000 सिम कार्ड विक्रेताओं में से, 1,000 से अधिक विक्रेता फर्जी व्यक्तियों को ये फर्जी सिम कार्ड जारी करने के लिए जांच के दायरे में हैं.'' उन्होंने कहा कि सिम कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं और कागजों पर उनके ग्राहकों की पहचान की जा रही है.
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