जम्मू-कश्मीर सरकार ने समाज कल्याण विभाग की विवाह सहायता योजना में एक अहम बदलाव किया है. अब महिला लाभार्थियों के लिए आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता को तीन साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. यह छूट 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2028 तक प्रभावी रहेगी. विधानसभा के चल रहे शरदकालीन सत्र में विधायक खान साहिब सैफ-उद-भट को दिए गए लिखित जवाब में सरकार ने इस फैसले की जानकारी दी. सरकारी आदेश संख्या 95-जेके (एसडब्ल्यूडी) 2025 के तहत 2022 के पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए कहा गया है कि यह राहत सभी पात्र आवेदिकाओं पर लागू होगी। इसके बाद वर्ष 2028 से पूर्व शैक्षणिक मानदंड पुनः बहाल कर दिए जाएंगे.
पुराने मामलों की होगी समीक्षा
सरकार ने जिला समाज कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन सभी आवेदनों की व्यक्तिगत समीक्षा करें, जिन्हें केवल शैक्षणिक योग्यता के आधार पर अस्वीकृत किया गया था, बशर्ते विवाह 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद संपन्न हुआ हो और योजना की अन्य सभी शर्तें पूरी हों.
इसके अलावा, जिन महिलाओं का विवाह 1 अप्रैल 2025 से लेकर नए आदेश के जारी होने तक हुआ था लेकिन उन्होंने शैक्षिक पात्रता के कारण आवेदन नहीं किया था, वे अब पात्र होंगी. वे अपने संबंधित तहसील या जिला समाज कल्याण अधिकारी अथवा उपायुक्त कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन जमा कर सकती हैं. सत्यापन अधिकारी को यह प्रमाणित करना होगा कि विवाह निर्धारित अवधि के भीतर हुआ था और आवेदक को पहले योग्यता बाधा के कारण आवेदन से वंचित रहना पड़ा था.
35 दिनों की अतिरिक्त मोहलत
आदेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि आदेश जारी होने के बाद संपन्न विवाहों के लिए 35 दिनों की अतिरिक्त अवधि (grace period) दी जाएगी ताकि ऐसे आवेदक भी ऑफलाइन आवेदन कर सकें.
सरकार का कहना
सरकार ने कहा कि इस नीति संशोधन से जम्मू-कश्मीर की बड़ी संख्या में लड़कियों और उनके परिवारों को लाभ मिलेगा. इससे विवाह सहायता योजना की पहुंच और सुगमता दोनों बढ़ेंगी, और जरूरतमंद परिवारों को समय पर राहत मिल सकेगी.














