नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया इलाके में प्रदर्शन हुआ हिंसक, 3 बसों में लगाई आग

Citizenship Act Protest: नागरिकता संशोधन क़ानून पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ. पिछले तीन दिन से यहां लोग संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

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नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का हिंसक प्रदर्शन
बसों में लगाई आग, मौके पर पहुंची दमकल विभाग की गाड़ियां
तीन दिनों से छात्र कर रहे हैं प्रदर्शन
नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन क़ानून पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ. पिछले तीन दिन से यहां जामिया के छात्र संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को छात्रों के साथ कई अन्‍य लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने जामिया से संसद तक जाने की कोशिश में हैं लेकिन पुलिस ने उन्हें अब तक आगे नहीं बढ़ने दिया है. रविवार को प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आए और सराय जुलैना में उन्‍होंने 3 बसों में आग लगा दी. आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की 4 गाड़ियां मौके पर पहुंची लेकिन प्रदर्शनकारियों ने दमकल एक गाड़ी में भी तोड़फोड़ की जिसमें एक फायरमैन को चोट लगी है.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान समस्या उत्पन्न हुई. हालांकि, छात्रों के समूह ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग किया. छात्रों के समूह ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में ‘कुछ तत्व' शामिल हो गए और उन्होंने इसे ‘बाधित' किया. प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगा दी और कम से कम तीन बस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और दमकल की एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई. एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने एक मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकाला और इसका इस्तेमाल बसों को जलाने के लिए किया. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया जब वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर दमकल की चार गाड़ियां भेजी गई हैं. प्रदर्शनकारियों की हिंसा में एक दमकल गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और दो कर्मी जख्मी हो गए. जलाई गई बसों से धुएं का गुबार उठता दिखा और दमकलकर्मियों ने उन्हें बुझाने का प्रयास किया.

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इस बीच, दिल्ली पुलिस जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में पहुंची है और विश्वविद्यालय के द्वारों को बंद कर दिया है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा अस्वीकार्य है और प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए रविवार शाम को सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन का प्रवेश एवं निकास द्वार बंद कर दिया. डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली पुलिस की सलाह पर सुखदेव विहार के प्रवेश एवं निकास द्वार तथा आश्रम स्टेशन के गेट नंबर 3 को बंद कर दिया गया है. ट्रेन सुखदेव विहार स्टेशन पर नहीं रुकेगी.'' जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार, जसोला विहार, शाहीन बाग के प्रवेश एवं निकास द्वार भी बंद कर दिए गए हैं और इन स्टेशनों पर कोई ट्रेन नहीं रुकेगी. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी कि प्रदर्शन की वजह से ओखला अंडरपास से सरिता विहार तक के रास्ते को बंद किया गया है. 

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कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव सिमॉन फारूकी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से मथुरा रोड पर बैठे थे तभी पुलिस ने उनमें से कुछ को ‘परेशान' करने का प्रयास किया जिसका उन्होंने विरोध किया. संघर्ष के कारण इलाके में यातायात बाधित हो गया और सड़कों पर वाहन कई घंटे तक फंसे रहे. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि आंदोलन के कारण ओखला अंडरपास से सरिता विहार तक यातायात बंद रहा. जाम के कारण बदरपुर और आश्रम चौक से आने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों की तरफ भेजा गया. जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसा की निंदा की और कहा कि वह दक्षिणी दिल्ली में आगजनी का हिस्सा नहीं है. एसोसिएशन ने स्थानीय राजनीतिक नेताओं के नेतृत्व वाले इस तरह के ‘दिशाहीन' प्रदर्शन से दूर रहने की छात्रों से अपील की. एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘जामिया शांति का संदेश देता है. जेटीए जामिया के निकट या भारत में कहीं पर भी इस तरह की हिंसा की निंदा करता है.'' बयान में कहा गया है कि सोमवार को जेटीए कार्यालय में कार्यकारिणी समिति की एक आपात बैठक बुलाई गई है जिसमें ‘‘विरोध में जामिया के नाम का दुरुपयोग किये जाने पर चर्चा की जायेगी.''

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर उस समय युद्ध का मैदान बन गया जब विवादित संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए संसद मार्च करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प हो गई. 

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