जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक प्रोफेसर को सक्षम प्राधिकारी से अनुमति के बिना शिक्षक संघ के चुनाव कराने की जिम्मेदारी लेने पर बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया. विश्वविद्यालय ने जामिया में स्पेनिश और लैटिन अमेरिकी अध्ययन केंद्र की प्रोफेसर सोनया सुरभि गुप्ता द्वारा चुनाव के संबंध में जारी अधिसूचना को भी अमान्य घोषित कर दिया और वर्तमान शिक्षक संघ को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया.
हालांकि, सुरभि गुप्ता ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि गुप्ता को जामिया शिक्षक संघ (JTA) के पदाधिकारियों ने रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया था. जीटीए का कार्यकाल इस साल मई में समाप्त हो गया था. उन्होंने बताया कि गुप्ता ने चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक सूची जारी की थी.
हालांकि, विश्वविद्यालय ने तर्क दिया कि उनकी नियुक्ति ‘‘गैरकानूनी'' है क्योंकि उन्होंने सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं ली थी.
जामिया के रजिस्ट्रार नाजिम हुसैन अल-जाफरी की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक मेमो में, विश्वविद्यालय ने कहा कि उसने गुप्ता को सूचित किया कि रिटर्निंग अधिकारी के रूप में उनकी नियुक्ति गैरकानूनी है क्योंकि जेटीए के गठन को सक्षम निकाय द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है.
पीटीआई-भाषा के पास मेमो की प्रति है. उसमें कहा गया है कि गुप्ता का कृत्य नियमों के खिलाफ है. मेमो के मुताबिक, कुलपति ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए गुप्ता को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया है.
गुप्ता ने फोन पर पीटीआई-भाषा से बातचीत में सभी आरोपों को खारिज किया और कहा, ‘‘मैंने कुछ भी गैरकानूनी कार्य नहीं किया है और मैंने जो भी कार्रवाई की है वह जेटीए सदस्य के हिस्से के रूप में और जेटीए संविधान के अनुसार की है.''