‘‘तेज आवाज के बाद एक जोरदार झटका लगा, मैं अपनी सीट से नीचे गिरा और फिर सब कुछ खत्म हो गया.'' पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को हुई ट्रेन दुर्घटना में जीवित बचे एक यात्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए यह बात कही. न्यू जलपाईगुड़ी जिले में बीकानेर-गुवाहटी ट्रेन के बेपटरी होने से सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 45 यात्री घायल हो गए. ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और उसमें से कुछ दोमोहानी के पास पलट गए.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर)के प्रवक्ता ने गुवाहाटी में बताया कि दुर्घटना एनएफआर के अलीपुरद्वार मंडल के अंतर्गत शाम करीब पांच बजे हुई. आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त एक डिब्बा टक्कर के कारण दूसरे कोच पर चढ़ गया, जबकि कुछ डिब्बे ढलान से नीचे गिरकर पलट गए. आस-पास के गांवों के सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए और डिब्बों में फंसे यात्रियों को निकालने में मदद की. टक्कर से कुछ डिब्बे बाकी ट्रेन से अलग हो गए, जबकि कुछ के पहिए पटरी से उतर गए.
हादसे में बाल-बाल बचे संजय नाम के यात्री ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘शाम के करीब 5 बज रहे थे, मैं अपनी पत्नी से फोन पर बात कर रहा था. अचानक मुझे एक तेज आवाज सुनाई दी और जोरदार झटका लगा. इसने मुझे अपनी सीट से गिरा दिया और इसके बाद सब कुछ खत्म हो गया. जब मैं होश में आया, तो मुझे एक एम्बुलेंस के अंदर ले जाया जा रहा था.''
बंगाल में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरे, 7 लोगों की मौत, 45 घायल
कुछ लोग अपने प्रियजनों को खोज रहे थे जो दुर्घटना के समय ट्रेन में उनके साथ थे. एक घायल व्यक्ति ने कहा, ‘‘मैं और मेरी मां चाय पी रहे थे, तभी तेज आवाज आई और जोर का झटका लगा. ऊपर की बर्थ पर रखा सामान इधर-उधर गिर गया. स्थानीय लोगों ने मुझे बचाया, लेकिन मुझे अभी तक अपनी मां का पता नहीं चल पाया है. मुझे नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ.'' जलपाईगुड़ी की जिला अधिकारी मौमिता गोदारा बसु ने कहा, ‘‘हमने दुर्घटनास्थल से शव बरामद किए. दुर्घटना में कम से कम 45 यात्री घायल हो गए.'' जिलाधिकारी ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायल यात्रियों की हालत गंभीर है. बसु ने कहा कि बचाव दल अंधेरे और घने कोहरे के बीच प्रत्येक डिब्बे की गहन तलाश कर रहा है.
रेलवे के एक अधिकारी ने नयी दिल्ली में कहा कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और महानिदेशक (सुरक्षा) दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं. मौके पर पहुंचकर लोगों को बचा रहे स्थानीय निवासी मनोहर पाल ने कहा कि वह अपने दोस्तों के साथ एक चाय की दुकान पर थे जब उन्होंने तेज आवाज सुनी. पाल ने कहा, ‘‘हमने शुरू में सोचा कि यह किसी प्रकार का विस्फोट है. लेकिन जैसे ही उस दिशा में बढ़े, देखा कि ट्रेन के डिब्बे आपस में टकरा गए थे. लोगों को पटरी से उतरे डिब्बों से मदद की गुहार लगाते सुना. हमने तुरंत लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की.''