पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी शहर और इसके आसपास के इलाकों के लोग रविवार को आये तूफान के बाद की स्थिति से जूझ रहे हैं जिसके कारण अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं. अफरातफरी के बीच असहाय पंकज रे अपने घर के मलबे को निहारते दिखे जिसके चारों तरफ ईंट बिखरी हुयी हैं और टिन की दीवारें टूट गई हैं. उन्होंने बताया कि उनका परिवार अब तूफान के दंश को झेल रहा है, उनके परिवार का एक सदस्य अस्पताल में जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है जबकि अन्य लोग दो वक्त की रोटी का प्रबंध करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
दस साल की अंजलि विनाश के बीच राहत की चाह में अपने पिता का हाथ पकड़कर बैठी दिखीं. उनके जिस निवास स्थान पर कभी खुशहाली हुआ करती थी अब वह छिन्न-भिन्न हो गया है, जिससे उन्हें रहने के लिए जगह की तलाश में दर-दर भटकना पड़ रहा है. अंजलि ने कहा, ‘‘हम कहां जाएंगे, बाबा. हमारा घर अब नहीं रहा.'' लेकिन अंजलि के इस सवाल का उसके पिता पंकज के पास कोई जवाब नहीं है.
जिन लोगों से ‘पीटीआई-भाषा' ने बातचीत की उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उनका जीवन कब सामान्य होगा. जलपाईगुड़ी से लगभग 40 किमी दूर मैनागुड़ी की निवासी काजोल दत्ता ने कहा, ‘‘कहीं से आए तूफान ने हमारे घरों को नष्ट कर दिया है. हमें नहीं पता कि हम इसे कैसे और कब दोबारा बना सकते हैं.'' बचाव कर्मियों द्वारा मौके से मलबा हटाने और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के प्रयास जारी हैं.
जिला मुख्यालय शहर के अधिकतर हिस्सों और पड़ोसी मैनागुड़ी के कई इलाकों में ओलावृष्टि के साथ तेज हवाओं के कारण लगभग 200 लोग घायल हो गए और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए, पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे गिर गए. रविवार देर रात जिले का दौरा करने वालीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. ममता ने कहा, ‘‘अब तक हमारे पास पांच लोगों की मौत की खबर है. घायलों की संख्या काफी अधिक है. मैंने घायलों और तूफान में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. राज्य प्रशासन प्रभावित परिवारों की मदद के लिए सब कुछ करेगा.'' मुआवजे के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा, ‘‘चूंकि आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए मैं इसके बारे में कुछ नहीं कह सकती. आपको जिला प्रशासन से बात करनी होगी.''
ममता ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ, जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल गईं और रास्ते में जिले के अन्य हिस्सों में राहत शिविरों में लोगों से बात की. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने जरूरतमंद लोगों को सहायता को प्राथमिकता देने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राहत कार्यों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि जिले के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में राजारहाट, बार्निश, बकाली, जोरपकड़ी, माधबडांगा और सप्तीबारी शामिल हैं, उन्होंने बताया कि कई एकड़ कृषि भूमि और फसलों को नुकसान हुआ है.
राज्यपाल सी वी आनंद बोस भी सोमवार को जलपाईगुड़ी पहुंचे . विमान से रवाना होने से पहले बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. तूफान में जानमाल का नुकसान हुआ है. सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं. मैं इलाके का दौरा करूंगा और वहां के लोगों से बात करूंगा. सब कुछ किया जाएगा.'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तूफान में जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अधिकारियों से बात की है और उनसे प्रभावित लोगों को उचित सहायता सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
धूपगुड़ी के विधायक निर्मल चंद्र रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकारियों ने बताया कि जलपाईगुड़ी में स्थिति से निपटने के लिए राजभवन में एक आपातकालीन कक्ष भी खोला गया है.
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