भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आसियान बैठक में भाग लेने के लिए लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंचे. यहां वह 31वें आसियान क्षेत्रीय फोरम में शामिल हुए. इस संबंध में उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी. उन्होंने इस दौरान आर्थिक, राजनीतिक, टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि नए प्रौद्योगिकियों की तैनाती और वैश्वीकरण की अंतर्निर्भरता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि दुनिया के लोग सुरक्षित हैं और सामान एक जगह से दूसरे जगह भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने आसियान की एकता, केंद्रीयता और आसियान के इंडो-पैसिफिक आउटलुक (एओआईपी) के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया और कहा कि भारत की इंडो-पैसिफिक महासागर पहल और एओआईपी के बीच सिनर्जी होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि क्वाड आसियान के नेतृत्व वाले तंत्रों के प्रयासों को पूरक बनाता है जो क्षेत्र को स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए लोगों को लाभ प्रदान करता है. भारत आसियान क्षेत्रीय फोरम की गतिविधियों में योगदान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में अटल है.
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